रफीगंज. रफीगंज थाना क्षेत्र के केराप गांव स्थित दारुल उलूम मुहम्मदिया मदरसा से चार बच्चे भागकर अपने घर जाने के लिए रफीगंज स्टेशन पहुंचे. प्लेटफार्म नंबर पांच पर बच्चों की संदिग्ध गतिविधियों को देखकर आरपीएफ के जवानों ने पूछताछ की और फिर अपने संरक्षण में ले लिया. जानकारी मिली कि उक्त बच्चों को औरंगाबाद के एक एनजीओ को सौंप दिया गया. एनजीओ के सक्रिय कर्मियों ने चारों बच्चों को सीडब्ल्यूसी में प्रस्तुत किया जहां से बालकों के सर्वोतम हित में आश्रय गृह में आवासित कराया गया. आरपीएफ इंस्पेक्टर राम सुमेर ने बताया कि मले की छानबीन की जा रही है. आखिर बच्चे किस कारण भागे इसकी पड़ताल हो रही है. आरपीएफ ने सीडब्ल्यूसी को दिये गये आवेदन में बताया है कि गश्ती के दौरान प्लेटफार्म पर चार नाबालिग बच्चे अपने पीठ पर काले रंग का पिट्ठू बैग लेकर संदिग्ध अवस्था में घूम रहे थे, जिन्हें पकड़कर आरपीएफ कार्यालय लाया गया. पूछताछ करने पर सभी बच्चों ने रोते हुए बताया कि वे दारुल उलूम मुहम्मदीया मदरसा केराप से भागकर अपने घर अररिया जाने के लिए निकले थे. भागने की कोशिश में लगे बच्चों में अररिया जिले के महलगांव थाना क्षेत्र के मलहरिया गांव निवासी साजिद शाह के 12 वर्षीय पुत्र मो मुशरफ, मलहोइयां गांव निवासी मनोहर आलम के 11 वर्षीय पुत्र मों हसनैन, टेकना मदैला गांव निवासी रिजवान शाह के 12 वर्षीय पुत्र दिलजान और मलहरिया गांव निवासी सनबीर शाह के 11 वर्षीय पुत्र मो कैफ शामिल है.
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