फ्री बिजली योजना से संकट में मीटर रीडरों का भविष्य, जताया विरोध

बिहार सरकार की फ्री बिजली योजना का असर अब बिजली मीटर रीडरों की रोज़ी-रोटी पर पड़ने लगा है

By SUJIT KUMAR | July 24, 2025 5:51 PM
an image

गोह. बिहार सरकार की फ्री बिजली योजना का असर अब बिजली मीटर रीडरों की रोज़ी-रोटी पर पड़ने लगा है. हसपुरा प्रखंड के मीटर रीडरों ने गुरुवार को प्रखंड मुख्यालय स्थित शिव मंदिर के समीप विरोध प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि एक अगस्त से लागू हो रही 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के कारण गांवों में हजारों स्मार्ट मीटर शून्य यूनिट दिखाने लगेंगे, जिससे उनकी आमदनी ठप हो जायेगी और भुखमरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. मीटर रीडर रोहित खत्री और राजा कुमार ने बताया कि उनकी प्रमुख मांग है कि बिजली विभाग में पंचायत पर्यवेक्षक का पद सृजित कर उन्हें समायोजित किया जाये. इसके लिए मुख्यमंत्री सहित बिहार सरकार के मंत्रियों और विभागीय अधिकारियों को मांग पत्र प्रेषित किया गया है. मीटर रीडरों ने बताया कि वर्ष 2013 में राज्य सरकार ने रूरल रेवेन्यू फ्रेंचाइजी योजना के तहत गांवों में बिलिंग और राजस्व संग्रहण की जिम्मेदारी दी थी. तब से लेकर अब तक वे घर-घर जाकर मीटर रीडिंग, बिल वितरण और संग्रहण का कार्य करते आ रहे हैं. 2017 में जब निजी कंपनियों को यह जिम्मेदारी दी गयी, तब कई रीडर मासिक राजस्व कलेक्शन के तहत शामिल हो गये और लगातार कार्य करते रहे. उन्होंने कहा कि बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था या समायोजन के, अचानक लायी गयी मुफ्त बिजली योजना से उनका रोजगार संकट में आ गया है. प्रदर्शन कर रहे जयराम, सूर्यकांत मिश्रा, गौतम, रविरंजन, विनोद, राजकुमार, ऋषि, रविप्रकाश, मनीष, दीपक, अशोक, संजय यादव, बलराम मिश्रा, सविंद्र मिश्रा, संजीत, करण, अजय, कलाम और अमरेंद्र सहित अन्य मीटर रीडरों ने बताया कि विगत वर्षों में कई बार एक दिवसीय और सात दिवसीय हड़तालें कर सरकार और विभाग का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. उनका कहना है कि जब हर सरकारी विभाग में कार्यरत कर्मियों के वेतन में नियमित वृद्धि होती है, वहीं मीटर रीडरों को पिछले 10 वर्षों से मात्र 3% कमीशन पर काम करना पड़ रहा है. पहले यह दर 6% थी. प्रदर्शनकारी मीटर रीडरों का कहना है कि वे मुफ्त बिजली योजना का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि सरकार से यह अपेक्षा कर रहे हैं कि उनके रोजगार और परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये. उन्होंने कहा हमारी मांगें मानवीय और व्यावहारिक हैं. हम भी परिवार चलाते हैं. यदि समय रहते समाधान नहीं हुआ, तो हम सड़क पर आ जायेंगे.

संबंधित खबर और खबरें

यहां औरंगाबाद न्यूज़ (Aurangabad News) , औरंगाबाद हिंदी समाचार (Aurangabad News in Hindi), ताज़ा औरंगाबाद समाचार (Latest Aurangabad Samachar), औरंगाबाद पॉलिटिक्स न्यूज़ (Aurangabad Politics News), औरंगाबाद एजुकेशन न्यूज़ (Aurangabad Education News), औरंगाबाद मौसम न्यूज़ (Aurangabad Weather News) और औरंगाबाद क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version