सील होने के बावजूद अवैध क्लिनिक में हुआ ऑपरेशन, अधिकारी फेंक रहे एक-दूसरे पर
17 सितंबर को अनुमंडल प्रशासन ने छापेमारी के बाद क्लिनिक को किया था सील
By SUJIT KUMAR | July 28, 2025 6:56 PM
17 सितंबर को अनुमंडल प्रशासन ने छापेमारी के बाद क्लिनिक को किया था सील दाउदनगर. प्रशासन द्वारा सील किये गये एक क्लिनिक में ऑपरेशन किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. जब मामला खुला तो अधिकारी एक-दूसरे पर फेंका-फेंकी करने लगे. अधिकारियों के इस रवैये से कई सवालों को बल मिला है. ज्ञात हो कि 17 सितंबर 2024 को दाउदनगर-बारुण रोड पर पीएचसी के समीप अवैध रूप से संचालित निजी क्लिनिक को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया था. यह कार्रवाई तत्कालीन एसडीओ, एसडीपीओ व अनुमंडल अस्पताल के तत्कालीन उपाधीक्षक द्वारा की गयी थी. अब तक क्लिनिक सील ही है, लेकिन उक्त क्लिनिक एक बार फिर से चर्चा में है. सील होने के बावजूद इस क्लिनिक में इलाज व ऑपरेशन का काम हो रहा था. क्लिनिक के मुख्य द्वार पर तो सील लगा हुआ है, मगर बगल की गली से मरीज को अंदर ले जाकर इलाज व ऑपरेशन किया जा रहा था. इसका खुलासा तब हुआ, जब मारपीट की घटना होने पर पुलिस उक्त क्लिनिक में पहुंची. जानकारी के अनुसार, रविवार की रात उक्त निजी क्लिनिक के पास किसी व्यक्ति के साथ मारपीट हुई. मारपीट का आरोप क्लिनिक के संचालक पर ही लगा. गुप्त सूचना पर जब क्लिनिक के अंदर जांच की गयी तो अंदर में तीन मरीज देखे गये, जिसमें से दो का ऑपरेशन हुआ था. विजय चौधरी का पिछले सोमवार को अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ था. अंछा निवासी चंदा कुमारी का भी अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ था. डिहरा निवासी विजय राम का यूरिन इन्फेक्शन का इलाज हो रहा था. सभी मरीजों को चौकी पर किसी तरह लिटा दिया गया था. वहां कोई प्रशिक्षित नर्स, डॉक्टर, स्टाफ मौजूद नहीं थे. ऐसी स्थिति पूरी व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न खड़ा होता है.
अवैध क्लिनिकों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए डीएम ने गठित की थी टीम
2024 में अगस्त- सितंबर महीने में ही अवैध क्लिनिकों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए डीएम श्रीकांत शास्त्री द्वारा प्रखंड स्तर पर तीन सदस्यीय टीम गठित की गयी थी. इस टीम में बीडीओ, थानाध्यक्ष व एक चिकित्सा पदाधिकारी शामिल है. 17 सितंबर को जब अनुमंडल प्रशासन द्वारा छापेमारी करने के बाद इस क्लिनिक को सील किया गया था तो उस समय दो महिला मरीज मिले थे, जिनका ऑपरेशन हुआ था, लेकिन क्लिनिक संचालक फरार हो गया था. उन मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कराया गया था और बीडीओ द्वारा इस क्लिनिक को सील कर दिया गया था. सील होने के बावजूद इस क्लिनिक का संचालन होना पूरी व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है, जबकि यह क्लिनिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास स्थित है. प्रतिदिन चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी इसी रोड व इस क्लिनिक के पास से होकर गुजरते हैं. फिर भी, इस क्लिनिक का अंदर से संचालित होना प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर रहा है सवाल यह भी उठने लगा है कि जब पिछले वर्ष प्रशासन द्वारा इस क्लिनिक को सील किया गया तो इस अवैध क्लिनिक पर क्या कार्रवाई की गयी या सिर्फ कार्रवाई का कोरम पूरा किया गया. फर्जी क्लिनिक को सील करने की कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जाती है तो क्या संबंधित अधिकारी द्वारा उसका फॉलो अप किया जाता है.
विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी : बीडीओ
इस मामले में पूछे जाने पर थानाध्यक्ष विकास कुमार ने सिर्फ इतना बताया कि मामले की जानकारी बीडीओ को दी गयी है. बीडीओ मो जफर इमाम ने बताया कि मामले की सूचना एसडीओ को दी जा रही है. विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ यतींद्र प्रसाद ने मोबाइल पर स्पष्ट रूप से कहा कि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
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