साहित्य को कमजोर व वंचित वर्ग की आवाज बना दिया प्रेमचंद ने : डॉ हुजैफा

दाउदनगर कॉलेज में उपन्यास सम्राट प्रेमचंद व कवि गोस्वामी तुलसीदास की जयंती मनायी गयी

By SUJIT KUMAR | July 31, 2025 6:24 PM
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दाउदनगर कॉलेज में उपन्यास सम्राट प्रेमचंद व कवि गोस्वामी तुलसीदास की जयंती मनायी गयी दाउदनगर. दाउदनगर कॉलेज में हिंदी के महान साहित्यकार व उपन्यास सम्राट प्रेमचंद और भक्तिकाल के रामभक्त कवि गोस्वामी तुलसीदास की जयंती मनायी गयी. यह आयोजन आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में हिंदी और उर्दू विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, चूंकि प्रेमचंद ने हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में अपना साहित्य लेखन किया है. इस कार्यक्रम का आयोजन और संचालन कॉलेज की छात्र-छात्राओं ने किया, जिसमें शिक्षकों ने संयोजक की भूमिका निभायी. इस कार्यक्रम में एक दर्जन से ज्यादा छात्राओं ने प्रेमचंद और तुलसीदास के जीवन एवं साहित्य पर अपनी बात रखी. कार्यक्रम का संचालन भी हिंदी एवं उर्दू की छात्राओं शाकरा तबस्सुम और खुशबू कुमारी ने किया. जिन विद्यार्थियों ने इस अवसर पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया, उनमें सुम्बुल परवीन, निकहत आफरीन, अनुज कुमार, सानिया परवीन, अर्पणा कुमारी, रंजीत कुमार, शाकरा तबस्सुम, गुड़िया कुमारी, सौम्या राज, शिल्पी कुमारी, प्रियंका कुमारी, शिवानी कुमारी और जयप्रकाश कुमार शामिल थे. निकहत आफरीन के साथ रज़िया, सानिया, सुम्बुल और रौशनी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. भाषणों के बीच रंजय कुमार और निकहत आफरीन ने श्रोताओं का मनोरंजन करते हुए गजलों और देशभक्ति गीत की भी प्रस्तुति दी. उर्दू के सहायक प्राध्यापक डॉ मो हुजैफा ने तुलसीदास की रामभक्ति पर प्रकाश डालते हुए प्रेमचंद के साहित्य पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने प्रेमचंद को देश की आजादी के लिए नौकरी छोड़कर लेखन के द्वारा लोगों को प्रेरित करने वाला लेखक बताया. उन्होंने कहा कि प्रेमचंद से पहले का साहित्य लैला मजनू के रोमांटिक और जासूसी किस्म के मनोरंजक उपन्यासों से भरा था, जिसे प्रेमचंद ने यथार्थ से जोड़ते हुए बदलकर रख दिया और साहित्य को कमजोर और वंचित वर्ग की आवाज़ बना दिया. हिंदी के सहायक प्राध्यापक प्रो. आकाश कुमार ने तुलसीदास को समाज में समन्वय स्थापित करने वाला कवि बताया, जिन्होंने सामाजिक द्वेष और वैर को खत्म करके करुणा और भक्ति का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि तुलसीदास की यह देन है कि उन्होंने रामकथा जो केवल संस्कृत में थी, उसे जनभाषा अवधी में उपलब्ध करा दिया. महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो डॉ एम एस इस्लाम ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि वे बचपन से ही प्रेमचंद के मुरीद हैं और प्रेमचंद का साहित्य उन्हें प्रेरणा देता है. उन्होंने तुलसीदास की कविताओं को मर्यादा पुरुषोत्तम राम का सच्चा संदेश बताया. उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं को शाबासी देते हुए उन्हें स्वतंत्रता दिवस पर पुरस्कृत करने की घोषणा की. मौके पर कॉलेज के पीआरओ डॉ देव प्रकाश,कॉलेज के सभी विभागों के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी और विद्यार्थीगण उपस्थित थे. हिंदी की छात्रा नगमा प्रवीन ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम की समाप्ति राष्ट्रगान के साथ हुई.

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