देव. ऐतिहासिक पौराणिक व धार्मिक दृष्टिकोण से अतिमहत्वपूर्ण प्राचीन देव सूर्य मंदिर में आद्रा नक्षत्र के पहले रविवार को भगवान सूर्य के दर्शन व पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. बिहार व झारखंड के विभिन्न जिलों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने देव पहुंच कर सूर्य नारायण की पूजा-अर्चना की. आद्रा नक्षत्र के प्रथम दिन सूर्य मंदिर परिसर में धर्म ध्वज की स्थापना के लिए शिलान्यास किया गया. सूर्य मंदिर न्यास समिति के अनुरोध पर पूर्व मुखिया प्रतिनिधि राघवेंद्र सिंह ने 51 फुट का धर्म ध्वज की स्थापना करवाने का निर्णय लिया है. धार्मिक ध्वज को स्थापित करने के लिए मुख्य पुजारी राजेश पाठक व पुजारी अमित पाठक ने विधि-विधान से पूजा करायी. सूर्य मंदिर न्यास समिति के सचिव विश्वजीत राय, कोषाध्यक्ष सुधीर सिंह, सदस्य लक्ष्मण गुप्ता, योगेंद्र सिंह आदि लोगों ने बताया कि सूर्य मंदिर परिषद में धर्म ध्वज लगाने के लिए प्रखंड निवासी पूर्व मुखिया प्रतिनिधि राघवेंद्र सिंह से न्यास समिति ने अनुरोध किया था. इसे स्थापित करने के लिए मंदिर परिसर में विधि-विधान से पूजा-पाठ किया गया. हैदराबाद में कारीगरों द्वारा धर्म ध्वज का निर्माण काम चल रहा है. लगभग दो से तीन महीने में मंदिर परिषद में धर्म ध्वज की स्थापना की जायेगी. इस दौरान सह कोषाध्यक्ष कृष्णा चौधरी, मनोज सिंह, अनुज सिंह, सतीश मिश्रा, सत्यनारायण सिंह आदि लोग मौजूद थे. ज्ञात हो कि देव सूर्य मंदिर को देखने व दर्शन करने के लिए हर वर्ष 30 लाख से अधिक श्रद्धालु व पर्यटक पहुंचते हैं. मंदिर में विद्यमान तीन स्वरुपी भगवान सूर्य की प्रतिमा जीवंत है. प्रतिमा के सामने जो भी श्रद्धालु खड़े होकर जो मांगते हैं, वह मिलता है. मंदिर परिसर में भगवान सूर्य के अलावा कई देवी-देवताओं की प्रतिमा दर्शनीय और लाभकारी है. मंदिर बिहार की नहीं देश की पौराणिक विरासत है. यह सूर्च की अराधना के लिए पूरे देश में विख्यात है. यहां ब्रह्मा, विष्णु व महेश रूपी एकादश सूर्य है. कार्तिक एवं चैत मास में छठ व्रत करने लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. आद्रा के समय मेला लगता है. आद्रा नक्षत्र का मेला दो रविवार और दो मंगलवार को खास होता है. इसके अलावा हर रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचती है. मुख्य पुजारी राजेश पाठक ने बताया कि आद्रा नक्षत्र में भगवान सूर्य भक्तों की मनोकामनाएं को पूर्ण करते हैं. जाम से लोग हुए परेशान आर्द्रा मेले के प्रथम रविवार को आस्था की डुबकी लगाने अहले सुबह श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को जाम व अतिक्रमण से भारी परेशानियों सामना करना पड़ा. फल दुकान, प्रसाद दुकान और मिठाई के ठेलों से सूर्यकुंट तालाब व घाट पर अतिक्रमण है. सूर्य नगरी देव में आद्रा मेले की वजह से रविवार को इतनी ज्यादा भीड़ हो गयी कि जाम लग गया. इसमें सबसे ज्यादा संख्या ऑटो और चार पहिया वाहन की थी. ग्रामीण इलाकों से हजारों की संख्या में लोग ऑटो पर सवार होकर पूजा-अर्चना करने आये थे. देव थानाध्यक्ष कुमार सौरभ ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा ट्रैफिक व्यवस्था बनायी गयी. वन-वे रास्ता होने से मिली राहत औरंगाबाद अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर वन-वे रूट लागू करने के बाद श्रद्धालुओं को आवागमन में काफी राहत मिली. भक्तों व स्थानीय लोगों ने प्रशासन के इस निर्णय का स्वागत किया. लोगों ने कहा कि वन वे रूट होने से जाम से राहत मिली. खास दिन देव में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है, जिससे वाहनों की संख्या काफी बढ़ जाती है. इस कारण परेशानी होती है.
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