औरंगाबाद/अंबा़ मेष राशि में सूर्यदेव के प्रवेश के साथ आज से खरमास समाप्त हो गया. अब मांगलिक कार्य होंगे और शहनाई गूंजेगी. आज सोमवार को सतुआन (वैसाखी) पर्व भी मनाया जायेगा. इस पर्व पर सत्तू व आम खाने की परंपरा का निर्वहन लोग करेंगे. ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन बेहद खास महत्व रखता है.
तिलकोत्सव से शुरू होंगे वैवाहिक कार्य
ज्योतिर्विद ने बताया कि विविध पंचांगों के अनुसार अप्रैल में विवाह के आठ दिन हैं. इसी तरह मई में 10 दिन और जून में चार दिन अच्छे लग्न व मुहूर्त मिलेंगे. 14 अप्रैल को तिलकोत्सव के साथ वैवाहिक कार्यक्रम प्रारंभ हो जायेगा.
पूरे महीने में गूंजेगी शहनाई
इस बार जून में भी होगी शादी
ज्योतिर्विद डॉ मिश्र व आचार्य राधेकृष्ण पांडेय उर्फ गुड्डू पांडेय ने बताया कि इस बार जून माह में भी शादी होगी. पहली जून को रात्रि 12 बजकर 59 मिनट से रात्रिशेष चार बजकर पांच मिनट तक, दो जून को दिन में आठ बजकर 16 मिनट से 11 बजकर 33 मिनट तक और रात्रि में नौ बजकर 38 मिनट से 11 बजकर 24 मिनट तक, चार जून को रात्रि 12 बजकर 45 मिनट से रात्रिशेष पांच बजकर 50 मिनट तक, सात जून को दिन में 10 बजकर 14 मिनट से 12 बजकर 28 मिनट तक, दो बजकर 40 मिनट से चार बजकर 45 मिनट तक, गोधूलि लग्न एवं रात्रि में नौ बजकर 19 मिनट से 11 बजकर चार मिनट तक और 12 बजकर 35 मिनट से रात्रिशेष पांच बजकर 39 मिनट तक विवाह के निर्दोष लग्न और मुहूर्त प्राप्त होंगे.
गुरू वृद्धत्व दोष में वैवाहिक कार्यक्रम वर्जित
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है