औरंगाबाद: आषाढ़ बरसात के सीजन का पहला महीना है. इसमें झमाझम बारिश होनी चाहिए थी. इस समय मौसम का तापमान परवान पर चढ़ गया है. प्रकृति की स्वभाव क्रूर हो गया है. प्रायः सुबह आठ बजे के बाद से आसमान से अंगारे बरस रहे हैं. धरती की नमी समाप्त होने से पेड़-पौधे मुरझाये जा रहे है. रविवार को वातावरण का अधिकतम तापमान बढ़कर 43.8 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है. ऐसे में आम लोगों से लेकर जीव जंतुओं तक में बेचैनी बढ़ गयी हैं. इसके बावजूद लोग प्रकृति व पर्यावरण से सामंजस्य स्थापित करने के बजाय खिलवाड़ कर रहे हैं. हैरत की बात तो यह है कि मौसम का पारा इस कदर चढ़ने के बावजूद सुबह के पहर बाजार के सड़कों पर कूड़ा कचरा जला रहे है. वहीं, शाम में बधार में फसल के अवशेष जला रहे है. ऐसे में तपिश व उमस भरी गर्मी से निजात मिलने कि परिकल्पना संभव नहीं है.
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