
पीड़ित पर्यटकों ने संचालक पर लगाया क्षमता से अधिक लोगों को बोट पर बैठाने का आरोप
विजिटर बुक में करायी है शिकायत दर्ज
बांका. जिला मुख्यालय स्थित ओढ़नी डैम जलक्रीड़ा के लिए मशहूर है. यहां जिला के अलावा भागलपुर, मुंगेर व जमुई सहित झारखंड राज्य के कई जिलों के सैलानी डैम के शांत जल में बोटिंग के लिए सपरिवार पहुंचते हैं, लेकिन हाल के दिनों में यहां की कुव्यवस्था को लेकर सैलानियों के बीच निराशा देखी जा रही है. बुधवार को ओढ़नी डैम पर वोटिंग के लिए पहुंचे बांका विजयनगर निवासी शिव शंकर मलाकार, उनकी पत्नी उषा कुमारी, भागलपुर कुतुंबगंज मिर्जानहाट निवासी धीरेंद्र कुमार व उनकी पत्नी जूली देवी, अमर कुमार, मिथलेश कुमार व राकेश कुमार सहित अन्य परिजनों ने ओढ़नी जलाशय के कुव्यवस्था पर सवाल खड़े किये हैं. यहां तक की इन लोगों ने वहां मौजूद विजिटर बुक पर अपनी कड़ी आपत्ति भी दर्ज करायी है. भागलपुर मिर्जानहाट के पर्यटक धीरेंद्र कुमार व विजयनगर के शिव शंकर मलाकार ने बताया है कि वह अपनी पत्नी व परिवार के साथ बोटिंग के लिए बुधवार को ओढ़नी डैम पहुंचे थे. जहां नियमानुसार बोटिंग के लिए बोट पर महज दस व्यक्तियों को ही बैठने की अनुमति है. वहीं बोट संचालक के द्वारा मनमाने तरीके से प्रत्येक सैलानी से नकद 200 रुपये वसूल कर एक बोट पर 15 से 16 पर्यटकों को बैठा दिया गया. क्षमता से अधिक भार होने के कारण डैम में कुछ दूरी पर जाने के बाद अचानक बोट में पानी भरने लगा. जिसके बाद सभी पर्यटक चीखने व चिल्लाने लगे. सभी के कपड़े व मोबाइल पानी में भीग गये. हालांकि बोट पर सवार सभी सैलानी बाल-बाल बच गये. सैलानियों ने कहा कि भगवान ने आज हमलोगों को बचा लिया. आगे कहा कि बोट संचालक के द्वारा पीड़ित पर्यटकों की शिकायत नही सुनी गयी, बड़ी मुश्किल से काफी पूछताछ के बाद विजिटर बुक मिला. जिस पर हमारे जैसे कई पर्यटकों ने कुव्यवस्था एवं ओवरलोडिंग की शिकायत पंजी पर दर्ज करायी है. पीड़ित पर्यटकों ने डीएम व जिला प्रशासन से इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की है. ताकि यहां आने वाले सैलानियों को जलक्रीड़ा का बेहतर सुविधा मिल सकें. मालूम हो कि हाल के दिनों में ओढ़नी जलाशय के संचालक की जिम्मेदारी मां कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर किमी आनंद को मिला है. इनके नेतृत्व में यहां एक दर्जन से अधिक बोट संचालित है. उधर इस मामले में बिहार स्टेट टूरिज्म डवलपमेंट के जिला मैनेजर मुकेश कुमार ने बताया है कि बोट पर क्षमता से अधिक लोगों को बैठाना नियम के विरुद्ध है. प्रत्येक पर्यटकों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. मामले की जानकारी लेकर कार्रवाई की जायेगी. वहीं बोटिंग का चार्ज लेने का मामला संचालक के अधीन है. जिसमें संचालक को गाइडलाइन दिया गया है.मामले की जानकारी ली जा रही है. बोट पर नियम के विरुद्ध अधिक लोगों को बैठाने का कोई प्रावधान नही है. विजिटर बुक का अवलोकन किया जायेगा. गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित संचालक के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.
शंभू पटेल, जिला पर्यटन पदाधिकारी, बांका B
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