प्रशासन ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने के लिए तीन बार अतिक्रमणकारियों को चेतावनी दी थी. नोटिस में स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि लोग स्वेच्छा से झोपड़ी, दुकान और अन्य निर्माण हटा लें, अन्यथा जबरन हटाया जाएगा. इसके बावजूद धोरैया बाजार की सरकारी जमीन पर लोगों का कब्जा बरकरार है.
पुलिस बल की मौजूदगी में होगी कार्रवाई
अधिकारी ने कहा कि जिला स्तर से पर्याप्त पुलिस बल नहीं मिलने के कारण बुधवार को प्रस्तावित अतिक्रमण हटाओ अभियान टालना पड़ा. जल्द ही पुलिस बल मिलने पर यह कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर जबरन अतिक्रमण हटाना पड़ा तो उसका खर्च संबंधित लोगों से वसूला जाएगा और सरकारी आदेश की अवहेलना करने वालों पर IPC की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज होगा.
सड़कें पूरी तरह हो जाती हैं जाम
इधर कुछ स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया है कि पास के कुरमा हाट में धोरैया से अधिक अतिक्रमण है, जहां साप्ताहिक बाजार के कारण सड़कें पूरी तरह जाम हो जाती हैं. आरोप है कि वहां तो पक्के निर्माण तक किए जा रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. धोरैया बाजार में कार्रवाई की तैयारी के बीच यह सवाल प्रशासन की निष्पक्षता पर भी उंगलियां उठा रहा है.
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