प्रतिनिधि, बांका शहर के पुरानी ठाकुरबाड़ी परिसर में चल रहे तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का बुधवार को समापन हो गया. इसके पूर्व श्री शिवशक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर और श्री उत्तरतोताद्र मठ विभीषणकुंड अयोध्या के उत्तराधिकारी जगद्गुरु रमानुजाचार्य श्रीरामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के नेतृत्व में वेद विद्यापीठ गुरुधाम के पंडित रतीश चंद्र झा और अनिरूद्ध शास्त्री के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ माता पार्वती, भगवान गणेश सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाओं का प्राण प्रतिष्ठा की गयी. मौके पर स्वामी आगमानंद जी महाराज ने भगवान श्रीराम के चारों भाईयों के नामकरण, गुरुकुल में बशिष्ठ मुनि के पास शिक्षा ग्रहण व राम विवाह एवं राज्यभिषेक कथा आदि का सविस्तार वर्णन किया. कहा कि भगवान राम का जन्म- बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार, के लिए हुआ. उन्होंने कहा कि पांच वर्षों तक राम और उनके चारों भाइयों के साथ हनुमान जी ने अयोध्या में एक-साथ खूब खेल खेला. इस दौरान राम और हनुमान के बीच हुए कई प्रसंगों को भी उन्होंने सुनाया. कहा कि सभी बच्चे धूल में खेलते हैं और माता व दशरथ बड़े ही स्नेह से गोद से सभी को उठाते हैं. इस बात की चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों को धूल में खेलने का क्या महत्व है. आजकल के बच्चे को धूल में नहीं खेलने दिया जाता, खाली पैर चलने नहीं दिया जाता है. बच्चों को तीन वर्ष से ही पढ़ने के लिए स्कूल भेजा जाता है. जबकि बच्चे को पांच वर्ष तक माता-पित को अपने सानिध्य में रखना चाहिए. स्वामी आगमानंद ने 108 नये लोगों को आध्यात्मिक गुरु दीक्षा भी दिया. कार्यक्रम में यक बलवीर सिंह बग्घा, पवन दुबे, श्रवण कुमार सिंह, गुलशन, दीनदयाल ने एक से बढ़कर एक भजन की प्रस्तुती दी. इस मौके पर अमर कुमार मिश्रा, लक्ष्मण मिश्रा, सच्चिदानंद तिवारी, जिप सदस्य मनोज बाबा, कुमार गौरव, कुमार विवेक, कुंदन बाबा सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे.
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