साहेबपुरकमाल. पुलिस एनकाउंटर के करीब 48 घंटे बाद मंगलवार की शाम डब्लू यादव का शव गांव पहुंचा. शव पहुंचते ही एक झलक देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी परन्तु देर शाम हो जाने की वजह से परिजन द्वारा शव को गाड़ी से बाहर नहीं करने के फैसले से दर्शन के लिए जुटे लोग मायूस होकर वापस लौट गए. पुलिस द्वारा एनकाउंटर से परिजन और समर्थकों में गम और आक्रोश व्याप्त था. जिस कारण शव पहुंचते ही डब्लू यादव अमर रहे और पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद का नारा गूंजने लगा. वहीं दूसरी ओर बच्चे एवं महिला की चीख पुकार से माहौल गमगीन हो गया. मंगलवार को शव आने की खबर मिलते ही सैकड़ों की संख्या में लोग उसके घर पर पहुंचने लगे और शव के पहुंचने का घंटो इंतजार करते रहे.राकेश हत्या कांड में बेगूसराय जेल में बंद डब्लू यादव की पत्नी सुनीता देवी को न्यायालय द्वारा पेरोल पर रिहा करने का कोशिश किया गया परन्तु सफलता नही मिलने पर शव की गाड़ी को जेल के अंदर ले जाकर दर्शन कराया गया. हम नेता संदलपुर निवासी राकेश कुमार का अपहरण के बाद हत्या मामले में फरार चल रहे 50 हजार के इनामी डब्लू यादव का यूपी और बिहार एसटीएफ द्वारा रविवार की शाम एनकांउटर में ढेर कर देने के बाद परिवार में कोहराम मचा है. उसकी चार पुत्री और एक मासूम पुत्र को देख लोगों की आंखें नम हो गई. पिता की मौत और मां के जेल में रहने से बच्चों की परवरिश की चिंता सता रही है. डब्लू यादव चार भाइयों में तीसरे नंबर पर था. उसकी हत्या से भाइयों में भी आक्रोश है.जबकि डब्लू के मूल घर बरौनी से भी बड़ी संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए दिन भर रुके रहे.एनकाउंटर के बाद डब्लू यादव के शव पहुंचने को लेकर पुलिस प्रशासन की भी सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्त दिखी. पुलिस हर गतिविधि पर नजर रखे हुए थी.
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