भभुआ का चुनावी इतिहास और भविष्य की बिसात, क्या फिर बदलेगा सत्ता का समीकरण
Bhabua Assembly constituency: भभुआ विधानसभा सीट बिहार के कैमूर जिले में स्थित है, जहां कांग्रेस, भाजपा और राजद के बीच लगातार सियासी संघर्ष होता रहा है. 2020 में राजद के भरत बिंद ने भाजपा की रिंकी पांडे को हराया. जातीय समीकरण, ग्रामीण मतदाता और विकास के मुद्दे यहां चुनावी परिणाम तय करते हैं. 2025 में फिर कड़ा मुकाबला संभावित है.
By Nishant Kumar | July 12, 2025 12:35 PM
Bhabua Assembly constituency: भभुआ विधानसभा क्षेत्र, बिहार के कैमूर जिले में स्थित है, जिसका राजनीतिक इतिहास काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. इस सीट की स्थापना 1957 में हुई थी और यह सासाराम (अनुसूचित जाति) लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. प्रारंभिक दौर में कांग्रेस का इस क्षेत्र में वर्चस्व रहा और 1967 तक उसने लगातार चार बार जीत दर्ज की. समय के साथ-साथ राजनीति में नए समीकरण बनते गए और क्षेत्र में सीपीआई, जनता दल, राजद, भाजपा, लोजपा जैसे दलों ने भी जीत का स्वाद चखा. कुल मिलाकर अब तक हुए 18 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 6 बार, राजद और भाजपा ने 3-3 बार, सीपीआई ने 2 बार, और लोजपा, बसपा, जनता पार्टी ने एक-एक बार जीत हासिल की है.
क्या है जातीय समीकरण ?
इस क्षेत्र की सामाजिक संरचना भी चुनावी नतीजों को प्रभावित करती रही है. कोइरी-कुर्मी जैसी पिछड़ी जातियां यहां प्रभावशाली हैं, वहीं ब्राह्मण, कायस्थ, दलित और मुस्लिम समुदाय की भी निर्णायक उपस्थिति है. अनुसूचित जातियों की आबादी करीब 22% है और मुस्लिम मतदाता लगभग 8% हैं. क्षेत्र में लगभग 87% हिस्सा ग्रामीण है, जिससे ग्रामीण मुद्दों और विकास योजनाओं की भूमिका निर्णायक बन जाती है.
क्या है मौजूदा राजनीतिक हालात ?
2010 का चुनाव लोजपा के लिए खास रहा, जब उसके प्रत्याशी प्रमोद सिंह ने भाजपा को मात्र 447 वोटों से हराकर सबको चौंका दिया. 2015 में भाजपा ने पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की, जब आनंद भूषण पांडे विजयी हुए. उनके निधन के बाद 2018 में हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी रिंकी रानी पांडे ने कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार रखा. हालांकि, 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने जोरदार वापसी की. भरत बिंद ने भाजपा की रिंकी रानी पांडे को लगभग 10,000 वोटों के अंतर से हराकर यह सीट राजद की झोली में डाल दी. इस चुनाव में कुल 63.01% मतदान दर्ज किया गया.
वर्तमान में भभुआ सीट पर राजद का कब्जा है और भरत बिंद विधायक हैं. आगामी 2025 के चुनावों के लिए भाजपा नए चेहरों और रणनीति के साथ तैयारी में है, जबकि राजद अपनी जीत को मजबूत आधार में बदलने की कोशिश कर रहा है. कांग्रेस की स्थिति यहां कमजोर रही है, और 1967 के बाद से पार्टी ने इस सीट पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं दिखाया है. क्षेत्रीय जातीय समीकरण, विकास कार्यों की वास्तविकता और स्थानीय मुद्दे आगामी चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं. इस तरह भभुआ विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास दलों के बीच लगातार बदलते समीकरणों और जातिगत प्रभाव के इर्द-गिर्द घूमता रहा है, और 2025 में भी एक दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है.