भागलपुर
कलाकेंद्र भागलपुर में कलाकेंद्र के पूर्व प्राचार्य सह वरिष्ठ चित्रकार रामलखन सिंह गरुजी की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को श्रद्धांजलि सभा हुई. पूर्व डीएसडब्ल्यू डॉ योगेंद्र ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. कहा कि गुरुजी ने जितने अभाव में कला केंद्र को जोगा उनके बाद भी उनके शिष्यों ने अभाव के बावजूद वे कलाकेंद्र चला रहे हैं. गुरुजी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक पुस्तिका निकाली जाये. साथ ही पूर्ववर्ती छात्रों से अपील की वह कलाकेंद्र के संचालन में नियमित आर्थिक योगदान करें.
पारस कुंज ने कहा कि गुरुजी में इतनी सहजता थी कि सबसे आत्मीयता से मिलते. ललन ने कहा कि गुरुजी एक उत्कृष्ट कलाकार तो थे ही, वह एक कला दार्शनिक भी थे. हमेशा कहा करते थे कि प्रकृति को महसूस किये बिना चित्रकार नहीं हो सकते. सुषमा ने कहा कि गरीब वंचित और पिछड़े समाज के बच्चों को कला के क्षेत्र में स्थापित होने में व्यक्तित्व की झलक दिखती है. पूर्व छात्र और शिक्षक चंद्र मोहन, उदय व डॉ सुधीर मंडल ने श्रद्धांजलि दी. टीएमबीयू के पूर्व प्रॉक्टर डॉ रतन मंडल ने कहा कि मैं कलाकार नहीं हूं, पर मेरे अंदर की कला भावना मुझे कलाकेंद्र से जोड़े रहा. इस जुड़ाव का एक कारण गुरुजी है. इस मौके पर संतोष कुमार ठाकुर, स्मिता कुमारी, उज्जवल कुमार घोष, एकराम हुसैन साद, ज्योति, जयनारायण, सुभाष प्रसाद, कला केंद्र के पूर्ववर्ती छात्र विजय कुमार साह, श्वेता शंकर, मृदुला सिंह, शैलेंद्र कुमार सिंह, अमिता वर्मा, शशि शंकर, पंकज कुमार, कुमारी रजनी आदि उपस्थित थे.
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