पीरपैंती टोपरा मिलीक गांव में सामाजिक एवं संस्कृति संस्थान दृष्टि बिहार की टोली मानवाधिकार दिवस पर संथाल जनजाति समाज के बीच जागरूकता अभियान चलाया. जागरूकता अभियान में लोगों को बताया गया कि 10 दिसंबर 1948 को पेरिस में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व के मानव हित में मानव अधिकारों का एक कानून बनाया था. संस्था के सचिव दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने छह तरह के मानवाधिकार बनाया है. समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने का अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार व संवैधानिक उपचारों का अधिकार. बिरसा मुंडा, तिलकामांझी व वर्तमान में भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू की जीवनी के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उनलोगों का मनोबल को बढ़ाते हुए उन्हें राष्ट्र के मुख्य धारा में आने के लिए प्रेरित किया. कार्यक्रम में रिंकी मरांडी, तुरु मुर्मू, सिबी मरांडी, चंदन तोडो, सुमन मरांडी ने भाग ले कार्यक्रम को सफल बनाया.
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