भागलपुर में लगातार बढ़ता जलस्तर
3 अगस्त सुबह 8:00 बजे
उच्चतम बाढ़ स्तर 34.86
डेंजर लेवल 33.68
2 अगस्त का जलस्तर 32.72
आज 03 अगस्त का 32.97
24 घंटे में जलस्तर में अंतर 0.25
डेंजर लेवल में अंतर 0.71
तटबंधों की सुरक्षा को बढ़ी चौकसी
नवगछिया के इस्माईलपुर-बिंद टोली क्षेत्र में रविवार शाम 6 बजे गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर ऊपर यानी 32.17 मीटर तक पहुंच गया. वहीं मदरौनी में कोसी नदी का जलस्तर 30.40 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी सीमा से 8 सेंटीमीटर नीचे है. गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी और लगातार बारिश के चलते तटबंधों और स्परों पर दबाव काफी बढ़ गया है. हाल ही में स्पर संख्या 9 का करीब 56 मीटर हिस्सा टूट चुका है, जिसके बाद अब स्पर संख्या 8 पर भी पानी का दबाव काफी अधिक हो गया है.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
स्पर संख्या आठ की निगरानी बढ़ा दी गई है. बढ़ते पानी के दबाव को देखते हुए वहां एतियातन पेड़ लगाए जा रहे हैं. मुख्य अभियंता ई. अनवर जमील ने मौके का निरीक्षण कर अभियंताओं को जरूरी निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि स्पर संख्या नौ पर 20 हाथी पांव और स्पर संख्या आठ पर 10 हाथी पांव के साथ 4-5 गुलर के पेड़ लगाने को कहा गया है. बाढ़ से निपटने के लिए ठेकेदार को 24 घंटे तैयार रहने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ कार्यपालक अभियंता गौतम कुमार ने बताया कि ब्रह्मोत्तर बांध की मरम्मत पूरी हो चुकी है.
कहलगांव में गंगा उफान पर
कहलगांव में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और अब यह खतरे के निशान से 39 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है. कुछ दिन पहले जहां जलस्तर 31.40 मीटर था, अब यह इससे 8 सेंटीमीटर ज्यादा हो गया है. पानी फैलने से इलाके की नदियां, कुंआ, घोघा, गेरूआ और भयाना भी तेजी से बह रही हैं. त्रिमोहन के स्कूल परिसरों में फिर से पानी भर गया है. हालांकि, कक्षाओं में पानी नहीं घुसा है और पढ़ाई पर असर नहीं पड़ा है.
बाढ़ से घिरे गांव
पकड़तल्ला, आमापुर छोटी, मार्कण्डेय टोला, पक्कीसराय, पन्नुचक, कुशहा, साधुपुर, तोफिल अनठावन जैसे दर्जनों गांव बाढ़ से घिर गए हैं. सैकड़ों घर चारों तरफ से जलमग्न हो चुके हैं. बहियार में लगी धान, मक्का, मिर्ची, अरहर जैसी फसलें डूब चुकी हैं. ग्रामीणों में बाढ़ का भय लगातार बढ़ रहा है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, शाम 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 31 मीटर 48 सेंटीमीटर था, जिसमें दो घंटे में एक सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी हुई है.
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अजगैवीनाथ धाम में बाढ़ का खतरा
वहीं, अजगैवीनाथ धाम में गंगा के जलस्तर में निरंतर वृद्धि के कारण प्रखंड की कई पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल गया है. गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. खासकर कल्याणपुर मोतीचक और पुरानी मोतीचक के निचले हिस्सों में गंगा का पानी तेजी से फैल रहा है. कल्याणपुर मोतीचक जाने वाली एकमात्र कच्ची सड़क पूरी तरह जलमग्न है. गांव के लोग जरूरी कार्यों के लिए टीन से बनी नाव का सहारा लेकर जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं.
(जयश्री आनंद की रिपोर्ट)
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