मिली जानकारी के अनुसार कहलगांव में गंगा के साथ-साथ उसकी सहायक नदियां कुआ, घोघा, गेरुआ और भयाना भी उफान पर हैं. इन नदियों का पानी चौर में फैलता जा रहा है, जिससे रेलवे लाइन और एनएच 80 के बीच जलजमाव तेजी से बढ़ने लगा है. इसके अलावा पकड़तल्ला, आमापुर छोटी, मार्कंडेय टोला और पक्कीसराय बड़ी आमापुर गांवों के निचले हिस्सों में सैकड़ों घर बाढ़ के पानी से घिरे हैं.
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक शुक्रवार शाम छह बजे तक गंगा का जलस्तर 31 मीटर 6 सेंटीमीटर था. वहीं, आज रात दस बजे तक इसके खतरे के निशान को पार करने की संभावना है. जलस्तर में प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज हो रही है. पिछले चौबीस घंटे में इसके जलस्तर में 26 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है.
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इन इलाकों में बढ़ा बाढ़ का खतरा
अगर कहलगांव की बात करें तो यहां खतरे का निशान 31 मीटर 9 सेंटीमीटर है. जलस्तर में वृद्धि की वजह से दियारा, चौर और गंगा किनारे स्थित फसलें नष्ट हो गई हैं. इसकी वजह से इलाके में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर इस्माइलपुर-बिंद टोली में शुक्रवार को बारह घंटे में जलस्तर में 12 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई. यहां सुबह गंगा का जलस्तर 31.53 मीटर था, जबकि शाम को यह 31.65 मीटर पर चला गया. जो कि खतरे के निशान से 5 सेंटीमीटर ऊपर है.
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