bhagalpur news.बच्चों की सृजनशीलता को मिली दिशा, युवाओं की रचनात्मक अभिव्यक्ति को मिला मंच

परिधि सृजन मेला 2025 के दूसरे दिन कलाकेंद्र परिसर में मिट्टी से मूर्ति, खिलौने आदि निर्माण प्रतियोगिता, लोकगीत, सुगम संगीत प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. बच्चों की सृजनशीलता को नयी दिशा मिली, तो युवाओं ने अपनी अभिव्यक्ति को प्रदर्शित किया.

By NISHI RANJAN THAKUR | April 28, 2025 9:20 PM
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परिधि सृजन मेला 2025 के दूसरे दिन कलाकेंद्र परिसर में मिट्टी से मूर्ति, खिलौने आदि निर्माण प्रतियोगिता, लोकगीत, सुगम संगीत प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. बच्चों की सृजनशीलता को नयी दिशा मिली, तो युवाओं ने अपनी अभिव्यक्ति को प्रदर्शित किया. चारों तरफ सृजन, उल्लास, विविध रंगों से यह आयोजन सराबोर दिखा. दोपहर तीन बजे 200 बच्चों ने मिट्टी से मूर्ति व खिलौने निर्माण प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. बच्चे मिट्टी से खेलते हुए विभिन्न मूर्तियां व खिलौने की शक्ल दे रहे थे. सभी उत्साह से लबरेज थे. तीसरे दिन उनके बनाये गये खिलौने व मूर्ति प्रदर्शनी में लगायी जायेगी. पहले दिन चित्रकला प्रतियोगिता में बच्चों द्वारा उकेरी गयी फोटो की प्रदर्शनी लगायी गयी थी. ज्योति सिंह की ओर से बनायी गयी पूर्व प्राचार्य रामलखन सिंह गुरुजी की तस्वीर को सभी आने-जाने वाले लोग निहार रहे थे, तो शशिशंकर की भागलपुर रेल हादसा में एक फंसे यात्री का हाथ मदद के लिए बढ़े थे, यह तस्वीर सभी को आकर्षित कर रहा था. अपना देश, अपना वेश थीम पर आधारित प्रतियोगिता ने किया आकर्षित रविन्द्र रंगमंच पर गायन के लोक गीत और सुगम संगीत की प्रतियोगिता में दूसरे मंच पर शास्त्रीय संगीत की सुर लहरी गूंजी. अपना देश,अपना वेश भाव पर वेश भूषा, साज सज्जा प्रतियोगिता भी हुई. इसमें प्रतिभागियों ने लोक रंगों की अद्भुत छटा प्रस्तुत की. सृजन मेले में विविध विषयों से संबंधित पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगी. उपेंद्र महारथी अनुसंधान संस्थान से प्रशिक्षित नवगछिया से आयी आद्या देवी की जूट शिल्प प्रदर्शनी अलग आकर्षण का केंद्र रहा. सृजन मेला प्रदर्शनी खंड की संयोजिका मृदुला सिंह ने बताया कि इस बार की प्रदर्शनी में बिहार की दो प्रमुख लोक चित्रकला मंजूषा शैली और मधुबनी शैली को साथ-साथ प्रदर्शित किया गया. वरिष्ठ कलाकारों के तैल चित्र, पेंसिल स्केच, जलरंग से लैंड स्केप, व्यक्ति चित्रण, पोर्ट्रेट के अलावा मृदशिल्प भी प्रदर्शित किये गये. परिधि के निदेशक उदय ने दर्शकों प्रतिभागियों और अतिथियों का स्वागत किया. दूसरे दिन के कार्यक्रम में पूर्व डीएसडब्ल्यू टीएमबीयू डॉ प्रो उपेंद्र साह मुख्य अतिथि थे. डॉ उपेंद्र साह ने कहा कि कला केंद्र भागलपुर ही नहीं, पूरे बिहार की धरोहर है. आज नाटक, समृह नृत्य व गीत प्रतियोगिता मीडिया प्रभारी ललन ने बताया कि 29 अप्रैल को नाटक, समूह नृत्य, समूह गान की प्रतियोगिताएं होगी. अपराह्न 2 बजे से कला प्रदर्शनी, संध्या 6 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम व पुरस्कार वितरण कार्यक्रम होगा.

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