तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के सात अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन भुगतान नहीं किये जाने पर सिंडिकेट सदस्य व कुलपति आमने-सामने हो गये हैं. भुगतान नहीं किये जाने से नाराज चार सिंडिकेट सदस्यों ने रविवार को कुलपति आवासीय कार्यालय के बाहर धरना पर बैठ गये. इसमें सदस्य डॉ मुश्फिक आलम, डॉ कृष्ण कुमार मंडल, असिस्टेंट प्रोफेसर निर्लेश कुमार व डॉ मुकेश कुमार शामिल थे. उनके समर्थन में भुस्टा के महासचिव प्रो जगधर मंडल, डॉ संतोष कुमार, डॉ चंद्रलोक भारती, डॉ राकेश कुमार, डॉ दिव्य आदि शिक्षक धरना पर बैठे थे. दरअसल, विवि प्रशासन का दावा है कि उन सात कॉलेजों के प्राचार्यों और शिक्षकों को अधिक कर्तव्य अवकाश मिलने पर उनका वेतन रुका है. करीब तीन घंटे बाद कुलपति प्रो जवाहर लाल मौके पर पहुंचे. सदस्यों व कुलपति के बीच तीखी बहास हुई. सिंडिकेट सदस्य डॉ मुश्फिक आलम ने कहा कि घर के मालिक पहले सेलेरी ले लिया और घर के मेंबर को सेलेरी नहीं दिया. इस बाबत कुलपति प्रो जवाहर लाल ने कहा कि आप बहुत बोलते है, बोलने दीजिये हमको, कॉलेजों वालों ने समय से छुट्टी का ब्यौरा नहीं भेजा. पीजी वालों ने समय से ब्यौरा भेज दिया, इसलिए उन्हें भुगतान किया गया. हालांकि, दूसरे शिक्षकों ने बीच-बचाव करते हुए मामला को शांत कराया. इसके बाद कुलपति ने आवासीय कार्यालय में बैठ कर बात करने के लिए कहा. सभी सदस्य वार्ता करने कुलपति आवासीय कार्यालय में गये. निर्लेश कुमार ने बताया कि दो दिन पहले विवि, पीजी विभागों व संबंधित इकाई को तीन माह का वेतन भुगतान किया गया है, लेकिन विवि के सात अंगीभूत कॉलेजों को वेतन भुगतान नहीं किया गया. साथ विवि प्रशासन ने उन कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य के वेतन पर रोक लगाने का पत्र जारी किया था. कहा कि मामले को लेकर शनिवार को उन लोगों ने कुलपति से बात करने के लिए एक दिन पहले पीए को फोन किया था, तो जवाब मिला कि कुलपति को फुर्सत नहीं है. रविवार को कुलपति से मिलने उनके आवास पर पहुंचे, तो गार्ड ने कहा कि कुलपति स्नान कर रहे हैं. तीन घंटे लगेंगे. इस बात को लेकर सिंडिकेट सदस्य भड़क गये और धरना पर बैठ गये. क्या है मामला – वेतन पर रोक लगाने पर गहराया विवाद टीएमबीयू के रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे ने 13 जून को कुछ कॉलेजों के शिक्षकों के मार्च से मई तक की हाजिरी पर आपत्ति की थी कि शिक्षकों को तय से ज्यादा कर्तव्य अवकाश दिया गया. संबंधित प्राचार्य से शोकॉज कर जवाब मांगा था. इस बाबत कॉलेजों से जवाब दिया गया कि कॉलेज के शिक्षक कॉपियों का मूल्यांकन कर रहे थे, लेकिन रजिस्ट्रार ने जवाब को असंतोषजनक बताकर शनिवार को एमएएम कॉलेज, टीएनबी लॉ कॉलेज, जेपी कॉलेज, जीबी कॉलेज, सबौर कॉलेज, मुरारका कॉलेज व पीबीएस कॉलेज के प्राचार्यों और शिक्षकों के वेतन रोक दिये जाने का पत्र जारी किया था. सिंडिकेट सदस्य को गेट के बाहर खड़ा करवाने का आरोप सिंडिकेट सदस्य सह टीएनबी कॉलेज के शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ मुश्फिक आलम ने कहा कि विवि में सबसे बड़ी बॉडी सिंडिकेट है, लेकिन सिंडिकेट सदस्यों के साथ अच्छा सलूक नहीं किया जाता है. जब सिंडिकेट सदस्य गंभीर मामलों को लेकर कुलपति से उनके आवास पर मिलने पहुंचते है, तो उन्हें गेट के बाहर ही खड़ा करवाया जाता है, जो निंदनीय है. आरोप लगाया कि कुछ लोगों के लिए कुलपति आवास का गेट पूरी तरह खोल दिया जाता है. कहा कि सात प्रभारी प्राचार्य का वेतन रोका गया है. इसमें मुरारका कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य कौशलेंद्र सिंह भी शामिल हैं. उन्होंने 29 मई को प्रभारी प्राचार्य के पद पर मुरारका कॉलेज सुलतानगंज में योगदान दिया था. उनका मार्च से मई तक तीन माह का वेतन रोक दिया जाता है. 29 मई को जब उन्होंने योगदान दिया, तो इसमें उनकी किया गलती है. एसएम कॉलेज के दो शिक्षिका का वेतन रोका सिंडिकेट सदस्य डॉ आलम ने बताया कि एसएम कॉलेज की दो शिक्षिका वेतन भी विवि से रोक दिया गया है. इसमें एक शिक्षिका विवि टीम लेकर बाहर गयी थी. दूसरी शिक्षिका विवि में टेबुलेशन का कार्य कर रही है. एसएम कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य ने दोनों को रिलीव किया है. विवि के ड्यूटी में काम कर रहा है. उन शिक्षकों को ऑन ड्यूटी में या किसी कैटेगरी में रखना है. विवि प्रशासन को निर्णय लेना है. इसमें शिक्षक व कॉलेज के प्राचार्य इसके लिए दोषी कैसे हैं. वहीं डाॅ मुश्फिक आलम ने कहा कि सोमवार से विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन स्थित कार्यालय में कुलपति रोजाना नहीं बैठेंगे, तो प्रतिदिन सिंडिकेट सदस्य शाम 3:30 से छह बजे तक उनके कार्यालय के बाहर धरना देंगे. विवि प्रशासन ने किस नियम से रोका वेतन – निर्लेश कुमार निर्लेश कुमार ने कहा कि सात अंगीभूत कॉलेजों का वेतन किस नियम से रोका है. विवि प्रशासन को बताना होगा. वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों व कर्मचारियों की स्थिति खराब है. आर्थिक संकट से जूझ रहे हें. बिना सिंडिकेट के मंजूरी के कैसे रिजल्ट जारी हुआ – डॉ केके मंडल सिंडिकेट सदस्य डॉ केके मंडल ने गेस्ट शिक्षक का मामला उठाया. कहा कि बिना सिंडिकेट सदस्य के मंजूरी के गेस्ट शिक्षकों का रिजल्ट जारी विवि से कैसे किया गया है. इसके लिए पहले सिंडिकेट की बैठक बुलाकर मंजूरी लेने के बाद ही जारी किया जाना था.
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