नवगछिया झंडापुर थाना के त्रिमुहान घाट पर बालू माफिया से अपनी जमीन को बचाने के लिए किसान डीजीपी के जनता दरबार में मिल कर 28 अप्रैल को शिकायत की. डीजीपी ने जनता दरबार से नवगछिया एसपी को फोन कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. पुलिस जब त्रिमुहान घाट पर छापेमारी करने पहुंची, तो वहां पुलिस को कुछ नहीं मिला. पुलिस के लौटने के पश्चात वहां खनन का काम आरंभ हो गया.किसानों ने नौ मई को पुन: डीजीपी को मेल कर न्याय की गुहार लगायी है. किसानों ने बताया कि बालू माफिया दिन के बजाय रात में बालू खनन करते हैं. रात आठ बजे से सुबह चार बजे बेखौफ बालू का खनन हो रहा है. किसान माफिया के डर से कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है. किसानों भू माफिया के खनन करते जीपीएस टैक तस्वीर भी शेयर किया है. इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. किसानों ने बताया कि बालू माफिया जमीन में 20 -25 फीट गड्ढ़ा कर देते हैंं, इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है. जमीन खेती करने लायक नहीं रहती है. माफिया के बालू काटने से त्रिमुहान रिंग बांध पर कटाव का खतरा मंडराने लगा है. रिंग बांध व कोसी नदी के बीच तीन सौ मीटर में बालू खनन होता है. इस बीच एक किलोमीटर तक किसानों की काफी जमीन है. कटाव रोकने के लिए नदी के आसपास क्षेत्र में बालू का खनन वर्जित है, फिर भी माफिया बालू का खनन कर रहे है. इससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है. माफिया को किसान रोक भी नहीं सकते हैं. यहां पर हरिओ, औलियाबाद, मड़वा, झंडापुर के किसानों की जमीन है. किसानों ने इस संबंध में बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार, प्रदेश सचिव, खनन विभाग के मंत्री एवं भागलपुर के जिला पदाधिकारी को पत्र लिखा है. किंतु कोई सकारात्मक सुधार नहीं हुआ है. बालू माफिया बेखौफ होकर खनन करते हैं.
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