Bhagalpur news बाढ़ आने पर प्रखंड सह अंचल कार्यालय को भी ढूंढना पड़ता है ठौर

गंगा-कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि

By JITENDRA TOMAR | June 9, 2025 11:42 PM
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गंगा दशहरा के बाद नवगछिया अनुमंडल में गंगा व कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि प्रारंभ होने लगता है. जलस्तर में वृद्धि जैसे-जैसे शुरु होने लगता है. तटबंध के अंदर रहने वाले लोगों की धड़कनें तेज होने लगती है. जलस्तर में वृद्धि से घर-आंगन में गंगा व कोसी नदी की बाढ़ का पानी प्रतिवर्ष आने के कारण ऊंचे स्थानों यथा तटबंधों, सड़क के किनारे व रेलवे लाइन के किनारे जान जोखिम में डाल कर खानाबदोश की तरह अपने बच्चों व मवेशियों के साथ तीन से चार महीने तक रहना पड़ता है. हालांकि, सरकार बाढ़ से बचाव के लिए गंगा व कोसी नदी में बडे़ पैमाने पर करोड़ों रुपये खर्च कर तटबंध बनायी है. इनकी सुरक्षा पर हर वर्ष करोड़ों रुपये सरकार द्वारा खर्च किये जाते हैं लेकिन तटबंध के अंदर और आधे-अधूरे तटबंध के कारण बड़ी संख्या में लोगों को अपने-अपने घरों से बेघर होना पड़ता है.

20 किमी तटबंध बनने के बाद कई गांव तटबंध के अंदर हो गये

करीब एक दशक पूर्व इस्माईलपुर के जाह्नवी चौक से लेकर गोपालपुर प्रखंड के बिंद टोली तक करीब 20 किलोमीटर लंबा तटबंध बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग द्वारा बनाया गया. इस्माईलपुर प्रखंड मुख्यालय सहित रामदीरी, रामनगर, फुलकिया, बौधी दास टोला, विनोबा, बसगड़ा व गोपालपुर प्रखंड के बिंद टोली, बोचाही व नवटोलिया गांव तटबंध के अंदर रह गये हैं. जिस कारण इन गांव के लोगों को गंगा की मामूली बाढ़ में भी अपने-अपने घरों से पलायन करना पड़ता है.

इस्माईलपुर प्रखंड के 14 विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्रों पढ़ाई हो जाती है ठप

रंगरा चौक प्रखंड में मदरौनी के निकट निजी जमीन का अधिग्रहण नहीं होने से हो रही परेशानी

सैदपुर पंचायत का वीरनगर गांव गंगा व कोसी नदी के सीपेज से प्रतिवर्ष प्रभावित होता है. जिस कारण कई विद्यालय भी बाढ़ के कारण बंद हो जाते हैं. रंगरा चौक प्रखंड में कोसी नदी में मदरौनी के निकट निजी जमीन का अधिग्रहण नहीं होने के कारण कोसी नदी का पानी प्रतिवर्ष सधुआ,चापर ,सहोडा वगैरह गांव में प्रवेश कर जाता है.जिस कारण विस्थापित होकर ग्रामीणों को कटरिया रेलवे स्टेशन,रेलवे लाइन के किनारे व एनएच 31 पर यायावर की तरह रहना पड़ता है. इन गांवों के विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र वगैरह सब प्रभावित हो जाते हैं. ग्रामीण कहते हैं कि यदि रेलवे लाइन तक बांध बना दिया जाय तो हमलोग बाढ़ से प्रतिवर्ष जो परेशान होते हैं. उससे छुटकारा मिल सकता है.

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