सबौर प्रखंड के ग्राम पंचायत मसाढ़ू के वार्ड संख्या एक के ग्रामीणों के लिए आफत बनकर आई बाढ़ ने कई घरों को बहा ले गयी. इसके बाद सरकार व प्रशासन की ओर से आश्वासन तो मिले, लेकिन उसका लाभ नहीं मिला. घरबिहिन लोगों को न तो अबतक घर मिला और न ही जमीन. बाढ़ के समय से बंद नल जल योजना अबतक बंद है. मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ में बोरिंग भी बाढ़ में बह गया. इसके बाद प्रशासन की ओर से जमीन चिह्नित कर जल्द बोरिंग कराने का आश्वासन दिया गया, लेकिन अब तक इसका काम भी शुरू नहीं हुआ. पीड़ित लोगों ने कहा कि पिछले वर्ष जिस जगह पर कटाव हुआ था, वहां जो दो-चार घर बच गये थे उसे बचाने के लिए कटावरोधी काम नहीं किया जा रहा है. वर्तमान में चाय चक में कटाव निरोधी कार्य शुरू है. जिससे लोगों ने नाराजगी व भय दोनों है. कटाव से प्रभावित परिवारों ने बताया कि हम लोगों का कुछ परिवार अभी भी रेलवे ढाल पर रहता है या किसी दूसरे के घर में रहने को मजबूर है. कुछ ऐसे भी लोग हैं जो किराए के मकान में रह रहे हैं. बावजदू जिला या प्रखंड स्तर से किसी भी तरह से मदद नहीं मिला. पीड़ित राधा देवी व कविता देवी ने बताया कि हमलोगों के पति नहीं है और छोटे-छोटे बच्चे हैं. कहा कि न रहने के लिए कोई घर है और न कमाने का कोई सहारा है. जानकारी के अनुसार कटाव पीड़ितों में विष्णु देव मंडल, घूरन मंडल, कमली देवी, वासुदेव मंडल, शांति देवी, रूबी देवी, अरुण मंडल, चंद्र किशोर मंडल, संजय मंडल, पुरण मंगल, राजकिशोर शाह, ज्योतिष कुमार, दिलीप मंडल, भूदेव मंडल, उषा देवी आदि शामिल हैं. प्रभावित परिवारों ने जिला प्रशासन, पंचायत के जनप्रतिनिधियों, सांसद व विधायक से मदद की गुहार लगायी है.
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