गोपालपुर इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. दर्जनों जगह बाढ़ में तटबंध पर रिसाव होने लगता है. स्पर संख्या चार से नौ तक तटबंध पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. गंगा नदी तटबंध से सटे बह रही है. वर्ष 2008-09 में गंगा नदी की बाढ़ से इस्माईलपुर,गोपालपुर व रंगरा प्रखंडों की बडी आबादी को बचाने के लिए 44.5 करोड़ रुपये की लागत से करीब 10 किलोमीटर लंबा तटबंध व सात स्पर इस्माईलपुर से बिंद टोली के बीच बनाया गया था. तटबंध के निर्माण के समय गंगा नदी तटबंध से 500 से 800 मीटर दूर बह रही थी. लगातार कटाव होने से गंगा नदी स्पर संख्या तीन से नौ तक तटबंध के निकट बह रही है. जल संसाधन विभाग ने दो बार आंशिक रूप से तटबंध का मरम्मत कराया था. फिलहाल तटबंध जर्जर हो चुका है. अगस्त-सितम्बर में जब गंगा नदी उफान पर रहती है, उस समय कई जगह तटबंध पर रिसाव होने से अफरा -तफरा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. गंगा नदी स्पर संख्या पांच एन से स्पर संख्या नौ तक तटबंध के निकट बह रही है. हालांकि जल संसाधन विधान विभाग ने 55 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से चार ठेकेदारों से कटाव निरोधक कार्य करवा रहा है, लेकिन जर्जर तटबंध को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है. तटवर्ती गांव के लोगों का कहना है कि इस बार भी 2024 का इतिहास गंगा नदी दोहरा सकती है. पुन: लोगों को बाढ़ का दंश झेलना पड़ सकता है और बड़े पैमाने पर तबाही मच सकती है. जल संसाधन विभाग के वरीय अभियंताओं ने बताया कि जलस्तर में वृद्धि होने पर फ्लड फाइटिंग के तहत आवश्यकतानुसार तटबंध को सुरक्षित किया जायेगा. हर हाल में तटबंध को सुरक्षित रखा जायेगा.
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