छह दिनों से एक ही जगह ठहरा हुआ है मॉनसून
बिहार में पिछले 24 साल के इतिहास में सबसे पहले वर्ष 2006 में छह जून को आया था. उस साल प्रदेश में 11 प्रतिशत कम बारिश हुई थी.
वर्ष 2024 : इस वर्ष में मानसून 31 मई को केरल में एक जून को तेजी से आगे बढ़ते हुए बंगाल के ठीक ऊपर पश्चिमी बंगाल में आकर ठहर गया था. बिहार में मानसून की इंट्री इसके 19 दिन बाद 20 जून को हुई थी.
वर्ष 2023 : 12 जून को पूर्णिया में आकर मानसून ठहर गया. पूरे प्रदेश में 21 जून तक पहुंच सका था.
वर्ष 2022 : इस वर्ष भी मानसून पूरे प्रदेश में 12 जून के बाद ही पहुंचा.
बिहार में अन्य मौसमी दशाओं खासतौर पर ट्रफ, पश्चिमी विक्षोभ, अपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन आदि वजहों से आंधी-पानी की स्थिति अभी कुछ समय तक बनी रहेगी. अगले दो दिन उच्चतम तापमान में कोई खास बदलाव के आसार नहीं है. पूर्वी बिहार में आंधी पानी को लेकर ऑरेंज अलर्ट और राज्य के शेष हिस्सों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है. सोमवार से मंगलवार की सुबह तक राज्य के कई हिस्सों में उल्लेखनीय बारिश दर्ज की गयी है.लंबी अवधि वाले धान का बिचड़ा गिरायें किसानधान का बिचड़ा बीज स्थली में लगाने का काम आसमान साफ रहने पर ही करें. 10 जून तक लंबी अवधि वाले धान का बिचड़ा गिराने का उपयुक्त समय है. 10 से 25 जून तक मध्यम अवधि वाले धान का बिचड़ा बोने के लिए अनुकूल समय है. जो किसान धान की सीधी बुआई करना चाहते हैं, वे लंबी अवधि वाले धान की किस्म की बुआई अगले सप्ताह में कर सकते हैं. इसके लिए उनके पास सिंचाई की उचित व्यवस्था हो. इसकी जानकारी बिहार कृषि विवि सबौर के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार ने दी.
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