Mother’s day: मां की ममता जगी, तो बिगड़ैल पति से छीन लायी बेटा, खुद कर रही परवरिश

Mother's day: समाज में अब भी कई महिलाएं मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण की शिकार हो रही हैं, लेकिन इनमें कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं, जो शोषण का विरोध कर रही हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2022 1:34 PM
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Mother’s day: समाज में अब भी कई महिलाएं मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण की शिकार हो रही हैं, लेकिन इनमें कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं, जो शोषण का विरोध कर रही हैं. ऐसे मामलों में महिलाओं का विद्रोह रूप तब उभर कर सामने आ रहा है, जब उनके बच्चों को उनसे जुदा करने की कोशिश की जाती है या फिर सिर्फ बेटी होने का ताना सुनना पड़ता है. ऐसी कई घटनाएं सदर एसडीओ कार्यालय परिसर में अवस्थित महिला हेल्पलाइन में दर्ज हो रही हैं और महिलाओं को हक मिल भी रहा है. महिला हेल्पलाइन की समन्वयक डॉ श्वेत निशा शर्मा ने बताया कि अब महिलाएं अपने अधिकार के लिए आगे आने लगी हैं, जो समाज के लिए खुशी की बात है.

सबौर प्रखंड के जीरोमाइल के समीप रहनेवाली एक महिला की शादी मुंगेर जिले के तारापुर में हुई थी. गत मार्च में पति ने दहेज में एक लाख रुपये मांगा. महिला जब एक लाख का इंतजाम नहीं होने की बात कही, तो उनसे दो साल का बेटा पति ने छीन लिया और छह माह की बेटी के साथ घर से भगा दिया. महिला ने भागलपुर महिला हेल्पलाइन में आवेदन दी. इस लड़ाई में तटस्थ महिला को तारापुर पुलिस का साथ मिला और पति से बेटा को लेकर साथ ले आयी. अब उनका अभियान पति की गलत आदतों को छुड़ाने के लिए चल रहा है.

झारखंड के साहिबगंज जिले की एक महिला की शादी कहलगांव के एकचारी इलाके में हुई थी. महिला ने एक बेटी को जन्म दिया. बेटी के जन्म लेते ही ससुराल वालों का व्यवहार बदल गया. स्थिति यहां तक पहुंच गयी कि सास-ससुर ने नाता तोड़ मायका भेज दिया. फोन करने पर ले जाने से पति इनकार करने लगे. वियोग में महिला के पिता गुजर गये. आखिरकार वह महिला हेल्पलाइन में मामला दर्ज कराया. लगातार काउंसेलिंग के बाद आज वह ससुराल में रह रही हैं. इस बात का समझौता पत्र बना है कि बच्ची के प्रति कटु शब्द नहीं कहेंगे. शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन गुजारेंगे.

कंपनी मोहल्ले की काजल भारती मुस्लिम माइनॉरिटी डिग्री कॉलेज से इंग्लिश ऑनर्स कर रही हैं. इनका दो साल एक बेटा है. पति इवेंट फोटोग्राफी करते हैं. अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए मोहल्ले के दो बच्चों को ट्यूशन देती है. वह कहती हैं कि उन्हें एक ऐसी मां बनना है, जिनके बच्चे को कभी किसी चीज की कमी ना खले. इसी कारण अपने घर के कामकाज, कॉलेज की पढ़ाई और ट्यूशन पढ़ाने में खुद को व्यस्त रखती हैं.

(नोट : इस खबर में हम महिलाओं के नाम नहीं छाप रहे हैं. वजह यह है कि महिला के वैवाहिक जीवन पर कोई असर न पड़े.)

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