भागलपुर
नगर निगम शहर के गीले कचरे से न सिर्फ जैविक खाद बना रहा है, बल्कि इसको बिक्री के लिए बाजार में भी उतार दिया है. यह खाद किसानों के लिए पांच रुपये प्रति किलो की दर से बिक्री हो रही है. जैविक खाद के उपयोग से मिट्टी के गुण बेहतर होते हैं और रासायनिक खाद के इस्तेमाल को कम किया जा सकता है. निगम का यह खाद भूतनाथ मंदिर मार्ग में स्थित खाद प्रोसेसिंग यूनिट में तैयार हो रहा है. इसका प्रमाणीकरण कृषि विभाग से हो चुका है. वहीं, इसका नामकरण बीएमसी से किया गया है और लेवल के साथ इसकी बिक्री जा रही है. अभी इसका पैकेजिंग पांच किलोग्राम में की जा रही है, लेकिन आने वाले दिनों में बढ़ाया भी जा सकता है.
दो टन तैयार किया खाद और की जा रही पैकेजिंग
निगम ने खाद प्रोसेसिंग यूनिट में गीले और सूखे कचरे से अबतक में दो टन तक खाद तैयार कर लिया है और इसकी लेवल के साथ पैकेजिंग की जा रही है. निगम अधिकारी के अनुसार तैयार खाद को दूसरे प्रदेश में भी बिक्री के लिए ब्रांडिंग की जायेगी.
निगम के इस खाद प्रोसेसिंग यूनिट से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा गया है. किसी को सफाई व्यवस्था की निगरानी की कमान सौंपी गयी है, तो कोई पैकेजिंग कार्य में जुटा है. इससे महिलाएं आत्मनिर्भर हुई हैं. गीला व सूखा कचरा के उठाव का लेखा-जोखा लेने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं घर-घर दस्तक भी दे रही हैं. आने वाले दिनों किसी घर से कूड़े का उठाव नहीं होने पर निगम के सफाई कर्मियों को बुलाकर वहां से कूड़े का संग्रह भी करायेंगी. इससे स्वच्छता का माहौल बनेगा और लोगों में जिम्मेदारी का बोध भी होगा. साथ ही अधिक से अधिक गीला व सूखा कचरा प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचेगा और अधिक से अधिक खाद तैयार हो सकेगा.
शशि भूषण सिंह, स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी, नगर निगम, भागलपुर
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