– भागलपुर में 53.10 किमी में बनने वाले मरीन ड्राइव के प्रोजेक्ट को रखा पहले फेज में
– कंसल्टेंट एजेंसी के लिए टेंडर भरने की अंतिम तिथि 16 जुलाई निर्धारित- एलिवेटेड बनेगा मरीन ड्राइव, लोग गंगा किनारे बिता सकेंगे सुकून के पल
ब्रजेश, भागलपुर
वहीं, चयनित कंसल्टेंट एजेंसी के लिए लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस (एलओए) जारी करने की तिथि 17 जुलाई है. चयनित कंसल्टेंट एजेंसी के लिए एक माह में एस्टिमेट बनाकर सौंपना अनिवार्य होगा. यानी, सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो इस माह के अंतिम सप्ताह से मरीन ड्राइव के लिए एस्टिमेट बनने लगेगा. इसके एक माह बाद जब एस्टिमेट स्वीकृत होकर आयेगा, तो डीपीआर बनेगा और फिर ठेका एजेंसी बहाल कर मरीन ड्राइव निर्माण का कार्य शुरू करा दिया जोयगा. इसके बनने से दोनों जिलों के बीच यात्रा सुगम और तेज होगी, साथ ही शहरों के लिए यातायात दबाव भी घटेगा.
फोरलेन एलिवेटेड बनेगा मरीन ड्राइव
सूर्यगढ़ा से सबौर के बीच 107.70 किमी लंबा फोरलेन मरीन ड्राइव बनेगा और यह एलिवेटेड हाइवे होगा. इंजीनियर के अनसुार एलिवेटेड का मतलब जमीन से ऊपर उठा हुआ या ऊंचा है. इसके कई फायदे होते हैं. यातायात में सुधार होगा. इससे जाम की समस्या कम होगी और यात्रा का समय भी कम होगा. सुरक्षा के दृष्टकोण से भी बेहतर होगा. सड़क हादसों को कम करने में मददगार साबित होगा, क्योंकि यह पैदल चलने वालों और वाहनों को अलग करती है. वहीं, एलिवेटेड सड़कें शहर की बुनियादी ढांचे को आधुनिक और व्यवस्थित दिखाती है, जिससे शहर की सुंदरता में वृद्धि होती है. इसके अलावा प्रदूषण और ईंधन की खपत कम होती है, क्योंकि वाहनों को सिग्नल पर रुकने की आवश्यकता नहीं होती है.गंगा के किनारे बिता सकेंगे सुकून के पल
मरीन ड्राइव से सफर के दौरान लोगों को गंगा नदी का सुंदर नजारा देखने को मिलेगा, खासकर सूर्यास्त के समय का दृश्य बेहद मनमोहक होगा. यह पथ पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित होगा. यहां लोग टहल सकेंगे, दौड़ सकेंगे या बस बैठ कर गंगा के किनारे सुकून के पल बिता सकेंगे. योजना के तहत गंगा पथ के किनारे कई कैफे, रेस्तरां, शॉपिंग स्पेस और मनोरंजन के केंद्र भी बन जायेंगे. इससे यह स्थान न सिर्फ यात्रियों के लिए उपयोगी होगा, बल्कि दोनों जिलों का एक प्रमुख आकर्षण बिंदु भी बनेगा.इन गंगा घाटों का बढ़ जायेगा महत्व
मुंगेर : मेदनी चौकी, हेमजापुर, शिवकुंड, फरदा, दोमंथा, सौजी, बबुआ, कष्टहरणी, सीताकुंडडीह, मैयारचक, बरियारपुर, कल्याणपुर, घोरघट व अन्य गंगा घाट.भागलपुर : चंपा पुल, हारी टोला, मकदुम शाह दरगाह, मकसन बरारी सीढ़ी घाट, वृद्धा आश्रम घाट, बंगाली घाट, लालूचक, मोहनपुर, साहेबगंज घाट, टिल्हाकोठी घाट, बिंद टोली, गोला घाट, बूढ़ानाथ घाट, मानिक सरकार घाट, आदमपुर, खिरनी, कोयला, मुसहरी, हनुमाननगर, बरारी घाट व अन्य घाट.
पहला फेज
घोरघट-सुलतानगंज-भागलपुर-सबौर : 53.10 किमी
दूसरा फेज
कोट
बबलू कुमार, चीफ जनरल मैनेजर-1
बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएसआरडीसीएल), पटनाB
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