राढ़ी कायस्थ राजनीतिक रूप से अपने वजूद को खो रहा है. इसके लिए एकजुटता बनाने की जरूरत है. शताब्दी समारोह को अश्वमेध यज्ञ मानकर आगामी विधानसभा में प्रतिनिधित्व के लिए घोड़ा छोड़ने की जरूरत है. राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए समाज के लोगों को बिखरने की बजाय, मजबूत एकजुटता बनानी होगी. उक्त बातें रविवार को आनंदगढ़- जवारीपुर स्थिति एक विवाह भवन में राढ़ी बांधव समिति के शताब्दी समारोह में समिति के विशिष्ट सम्मानित सदस्य सह पूर्व सचिव देव्रवत घोष ने कही. समारोह में देश के विभिन्न महानगरों व कोने-कोने से राढ़ी कायस्थ समाज के पदाधिकारी शामिल हुए. साथ ही स्थानीय पदाधिकारियों को संगठित होने के लिए प्रेरित किया. इसके अलावा लगातार एकजुटता बनाये रखने का मूलमंत्र दिया. इससे पहले समारोह का उद्घाटन समिति अध्यक्ष दिलीप कुमार घोष, महासचिव प्रणव दास, कार्यक्रम संयोजक डा. रंजन कुमार सिन्हा, निर्मल घोष आदि ने संयुक्त रूप से किया. इसी क्रम में स्मारिका का विमोचन किया किया. समिति अध्यक्ष एवं महामंत्री ने दूसरे राज्यों से आये पदाधिकारियों का स्वागत किया. दिल्ली के अमरेंद्र घोष ने कहा कि हमलाेग जहां भी हैं, वहां एकजुट हैं और यहां भी एकजुटता की चाह से आये हैं. शताब्दी समारोह समाज के लिए गौरव की बात है. समाज का विकास हर हाल में होगा. कोलकाता के निर्मल घोष ने कहा कि समाज के लोगों को हर सेक्टर की सूची तैयार करनी चाहिए. सभी को एक साथ खड़ा होना होगा. सबसे अधिक जरूरी है शिक्षा, जो कि समाज को हर जगह प्रदर्शित करता है. समाज मजबूत, तो राष्ट्र स्वत: मजबूत होगा. आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के बच्चों की शिक्षा व लड़की की शादी में मदद करेगी समिति : प्रणव महामंत्री प्रणव कुमार दास ने कहा कि समाज के साथ समिति खड़ी है. समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की बेटी की शादी हो या शिक्षा के लिए बच्चों को किसी तरह की जरूरत हो, उसमें समिति मदद करेगी. उपाध्यक्ष अभय कुमार घोष उर्फ सोनू ने कहा कि हमें अपनी परंपरा को कायम रखने की जरूरत है. तनाव मुक्त समाज के लिए दहेज को खत्म कर वैवाहिक अवरोध को दूर करना है. हमारे समाज के लोगों को भी राजनीति में नेतृत्व का अवसर मिले. इसके लिए राजनीतिक जागरूकता जरूरी है. बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने अतिथियों को किया आकर्षित समारोह में बच्चों द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ने अतिथियों को खूब आकर्षित किया. कार्यक्रम का शुभारंभ वंदना सिन्हा, रुचि सिन्हा एवं अर्चना सिन्हा ने गणेश वंदना से किया. सरस्वती वंदना नीता घोष ने प्रस्तुत किया. नीता घोष की टीम ने कुलगीत प्रस्तुत किया. सृष्टि दास,अर्जिता दास, विदिशा घोष,आरोही घोष,श्रेया सिन्हा ने शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया. श्रवण सिन्हा, सृजिका कुमारी, नीता घोष गीत से अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया. पहले सत्र का मंच संचालन मिलिंद्र गुंजन ने किया, जबकि दूसरे सत्र का अनिमा सिन्हा ने किया.
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