– 03 पंपिंग स्टेशन का निर्माण ही हो सका है पूरा, दो के निर्माण में अभी लग सकता है दो माह का समय
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण की डेडलाइन जुलाई से अगस्त के बीच तय है. ट्रायल रन शुरू करने की तैयारी चल रही है लेकिन, यह पूरी क्षमता के साथ चालू नहीं हो सकेगा. इसका निर्माण 45 एमएलडी की क्षमता को ध्यान में रखकर किया तो जा रहा है लेकिन, यह चालू 25 एमएलडीटी की क्षमता से होगा. दरअसल, बूढ़ानाथ से बरारी के बीच पांच पंपिंग स्टेशन के निर्माण कार्य पर से रोक अबतक नहीं हटी है और न ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो सका है. वन विभाग ने डॉलफिन इको सेंसेटिव जोन का हवाला देकर रोक लगा दी है. इस वजह से 10 पंपिंग स्टेशनों की जगह पर पांच पंपिंग स्टेशन से ही प्लांट शुरू होगा. इसमें भी अभी तीन पंपिंग स्टेशन ही बन सका है. 02 पंपिंग स्टेशन बनने में और दो महीने का समय लगेगा. यह प्रोजेक्ट लगभग 413 करोड़ राशि की है. समय पर फंड जारी होने के बाद भी निर्माण में देरी हो रही है. बीते दिनों डीएम ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया, तब इसके कार्य में तेजी आयी है. जाहिर है ट्रीटमेंट प्लांट के चालू होने के बाद शहर में बर्बाद होने वाले पानी का सदुपयोग हो सकेगा.
गंगा में गिरने वाले नाले के मुहाने को मोड़ा जायेगा
शहरी क्षेत्र के छोटे-बड़े नालों का पानी गंगा में सीधे प्रवाहित होता है. गंगा में गिरने वाले नाले के मुहाने को मोड़ा जायेगा. इन नालों को पंपिंग स्टेशन में पहुंचाने की योजना है लेकिन, छह से 10 नंबर तक पंपिंग स्टेशन से ही यह काम किया जायेगा. इन पंपिंग स्टेशन के सहारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी पहुंचाया जायेगा.
इस तरह काम करेगा पंपिंग स्टेशन काम
अखिलेश प्रसाद, कार्यपालक अभियंता
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