शिया समाज ने मुहर्रम की आठ तारीख शुक्रवार को आसानंदपुर बड़ा इमामबाड़ा से अलम का जुलूस निकाला. इससे पहले मजलिस का आयोजन किया गया. सबसे पहले मरसिया खानी हुई, जिसे फैज नकी ने पढ़ा. फिर मौलाना नासिर हुसैन ने मजलिस पढ़ी. उन्होंने हजरत अब्बास की शहादत का बयान किया. कहा कि हजरत अब्बास इमाम हुसैन के वफादार भाई थे. बहुत साहस और वीरता से कर्बला की जंग लड़ी. अलम जुलूस में शामिल होने के लिए शिया समाज के लोग पटना, रांची, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, विदेशों इंग्लैंड व अमेरिका से आकर शामिल हुए. अलम का जुलूस मुस्लिम हाई स्कूल समपार होते हुए मोहद्दीनपुर पंखा टोली स्थित इमामबाड़ा पहुंचा. फिर उसी रास्ते रात्रि 11 बजे बड़ा इमामबाड़ा पहुंचा. आसानंदपुर स्थित रजन साहब के इमामबाड़ा में आग का मातम हुआ. जिला शिया वक्फ कमेटी के सचिव सैयद जिजाह हुसैन ने कहा कि विभिन्न इमामबाड़ों में भी अलम का जुलूस निकाला गया. वहीं रात्रि 9.35 में नयाबाजार से चौकी लाल खां दरगाह होते हुए सराय इमामबाडा पर आये, फिर अपने स्थान पर वापस हो गये. कोतवाली इमामबाड़ा से पैकर द्वारा रात्रि 10:35 में चौंकी उठाकर सराय किलाघाट इमामबाड़ा पर गये, फिर वहां से कोतवाली इमामबाड़ा वापस हुए.
संबंधित खबर
और खबरें