सावन की चौथी व अंतिम सोमवारी को बाबाधाम में जलार्पण को लेकर रविवार को सुलतानगंज गंगा घाट पर डाक कांवरियों का सैलाब उमड़ पड़ा. मूसलधार व रिमझिम बारिश के बीच दोपहर 12 से शाम पांच बजे तक भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, जमुई, कटिहार, नवगछिया, देवघर समेत बिहार, झारखंड और यूपी के हजारों डाक बम गंगा जल लेकर दौड़ते नजर आये. कांवरियों के अनुसार कठिन तपस्या के बाद बाबा पर जल चढ़ाने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. बांका के शांतनु कुमार, मोहन प्रजापति और विनय सोरेन ने कहा कि बाबा की कृपा से जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रही. किसी को नौकरी में तरक्की मिली, तो किसी ने पढ़ाई में सफलता पायी. मान्यता है कि जलार्पण का प्रमाणपत्र मिलने के बाद 24 घंटे में बाबा पर जल चढ़ाना अनिवार्य होता है. इस दौरान कहीं भी रुकना वर्जित है. कांवरियों के पांव चलते रहते हैं. लखीसराय की सुजाता कुमारी ने बताया कि बाबा की कृपा से पढ़ाई में निरंतर प्रगति हो रही है. डाक जल चढ़ाने की यह आस्था ही उन्हें हर वर्ष खींच लाती है.कांवरिया मोहन कुमार कहते है काफी दिनों से नौकरी नहीं लग रही थी. बाबा के दरबार जाने के बाद मुझे नौकरी मिल गयी. चास, बोकारो के सुजीत कुमार पिछले तीन वर्षों से लगातार बाबाधाम जा रहे हैं. बाबा से जो मांगा, वह सब कुछ मिला. उत्तर प्रदेश की देविका कुमारी ने कहा कि शादी के बाद उनके पति बेरोजगार थे. बाबा के दरबार जाने से उन्हें नौकरी व मुझे तरक्की मिली. असम की मोनू देवी चौथी बार बाबा का दर्शन करने जा रही हैं. उनका कहना है कि जो सच्चे मन से प्रार्थना करता है, बाबा उसकी बात जरूर सुनते हैं.
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