वरीय संवाददाता, भागलपुरगंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही इसके किनारे बसे इलाके के लोगों की धड़कनें बढ़ रही है. खासकर सबौर प्रखंड के मसाढ़ू गांव पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है. अब तक गांव के करीब 100 घर नदी में विलीन हो चुके हैं.
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कटाव पीड़ितों का दर्द
कटाव से प्रभावित कई परिवार अभी भी रेलवे ढाल पर या किराये के मकानों में रहने को मजबूर हैं, लेकिन उन्हें जिला या प्रखंड स्तर से कोई लाभ नहीं मिला है. राधा देवी और कविता देवी जैसी विधवा महिलाओं ने बताया कि उनके पति नहीं हैं और छोटे बच्चों के साथ उनके पास रहने का घर और कमाने का कोई सहारा नहीं है. वे किसके सहारे जीये, यह सवाल प्रशासन के सामने खड़ा है. प्रभावित परिवारों में विष्णु देव मंडल, घूरन मंडल, कमली देवी, वासुदेव मंडल, शांति देवी, रूबी देवी, अरुण मंडल, चंद्र किशोर मंडल, संजय मंडल, पूरन मंडल, राजकिशोर शाह, ज्योतिष कुमार, दिलीप मंडल, भूदेव मंडल, उषा देवी सहित कई अन्य शामिल हैं. इन सभी ने जिला प्रशासन, पंचायत के जनप्रतिनिधियों, सांसद और विधायक से जमीन व घर उपलब्ध कराने की अपील की है, ताकि वे मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर सकें.
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कोट
मसाढ़ू गांव में कटाव निरोधक कार्य के लिए एजेंसी बहाल कर ली गयी है. अगले दो-तीन दिनों में काम शुरू हो जायेगा. इधर, चांयचक में चल रहा कार्य अगले दो-चार दिनों में पूरा करा लिया जायेगा.
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