दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर पर प्रमाणपत्र प्राप्त करने के जालसाजी मामले में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की भद्द पिट चुकी है. तोमर के मामले को लेकर टीएमबीयू इस तरह परेशान हुआ था कि कई वर्षों तक यहां मूल काम की जगह तोमर से संबंधित फाइलें ही तलाशी जाती रहीं. कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक को कभी पुलिस, तो कभी अदालत के सवालों का जवाब देने के लिए कई बार दिल्ली जाना पड़ा. पूरे देश में उस घटना से विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को आंच लगी. कोई सस्पेंड किये गये, तो कई लोगों को सजा भुगतनी पड़ी. बावजूद इसके कुछ लोग संभलने का नाम नहीं ले रहे. उस घटना से सीख नहीं लेना चाह रहे. तोमर पर आरोप था कि उसने फर्जीवाड़ा कर विवि से लॉ की डिग्री प्राप्त की है. इसके लिए तोमर ने राम मनोहर लोहिया अवध विवि से स्नातक साइंस की फर्जी डिग्री व बुंदेलखंड विवि से फर्जी माइग्रेशन टीएमबीयू में जमा किया था. दूसरी ओर देखें, तो एक बार फिर इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. एक फेल छात्रा को पास करने का मामला सामने आया है. साथ ही छात्रा को उत्तीर्ण बताते हुए फर्जी अंकपत्र सहित अन्य दस्तावेज भी उपलब्ध कराया गया है. डीएनएस कॉलेज रजौन की केमिस्ट्री आनर्स की छात्रा स्नातक पार्ट वन के सब्सिडियरी फिजिक्स विषय में फेल व अन्य विषयों में उत्तीर्ण थी. बावजूद इसके उसे उत्तीर्ण होने का अंकपत्र मिल गया. जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा विभाग के सहायक संजय कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा चुका है.
संबंधित खबर
और खबरें