सामाजिक संगठनों ने बैठक कर तैयारियों की समीक्षा कीसामाजिक संगठनों ने गुरुवार को एक होटल के सभागार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी के भागलपुर आगमन की तैयारी का फाइनल प्रारूप तय किया. बैठक की अध्यक्षता डॉ योगेंद्र ने की, तो संचालन उदय ने किया. बिहार में महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की यात्रा 12 को पश्चिमी चंपारण से शुरू होगी, जो 19 जुलाई तक रहेंगे. मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया होते हुए 18 जुलाई को भागलपुर पहुंचेंगे. तुषार गांधी की इस यात्रा का आयोजन बिहार के 26 गांधीवादी, सर्वोदयी, आंबेडकरवादी, लोहियावादी और जेपीवादी संगठनों की ओर से किया जा रहा है. आयोजक संगठनों में से ज्यादातर संगठन और व्यक्ति इंदिरा गांधी के तानाशाही रवैये के खिलाफ लड़े थे. वक्ताओं ने कहा कि आज आजादी आंदोलन के मूल्य और संविधान पर खतरा मंडरा रहा है. आजादी का महत्वपूर्ण मूल्य सर्वधर्म समभाव, समता और स्वतंत्रता रहे हैं. 42 वें संशोधन की आड़ में सर्वधर्म समभाव और समतावाद व समाजवाद को खत्म करने की साजिश हो रही है. बेहतर लोकतंत्र के लिए कुछ संवैधानिक संस्थाएं बनायी गयी थी, जिसे स्वतंत्र रखा गया था. चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाएं सरकार के पक्ष में काम कर संशय के घेरे में है. ऐसे में तुषार गांधी का बिहार आना लोकतंत्र को और गति देगा.
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