– जिलाधिकारी के निर्देश पर जगह चिह्नित करने की चल रही कवायद
उपमुख्य संवाददाता, भागलपुर
इस केंद्र में मिलेगी कलाकारों की खुद से बनायी सामग्री
बिहार की कलात्मक विरासत को संरक्षित करता है संस्थान
उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान बिहार की कलात्मक विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने का एक महत्वपूर्ण केंद्र है. यह संस्थान पारंपरिक शिल्पकला और हस्तशिल्प के संरक्षण और संवर्धन में सक्रिय भूमिका निभाता है. इसके समाहरणालय में स्थापित होनेवाले केंद्र में टिकुली कला, पेपर मेशी, मंजूषा पेंटिंग, मधुबनी पेंटिंग, जूट क्राफ्ट, टेराकोटा, सिक्की कला के साथ समकालीन कला से जुड़ी कलाकृतियां लोग खरीद सकेंगे. इसका लाभ इसे तैयार करनेवाले कलाकारों को भी होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
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