भीखनपुर मार्ग में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ प्रदीप सिंघानिया की गली में बन रहे नाले से परेशानी हो गयी है. इस गली का नाला मुख्य रोड के नाले से डाउनस्ट्रीम में बनाया जा रहा है, जिससे गली के घरों का गंदा पानी मुख्य सड़क के नाले में जाने की बजाय उल्टे वापस गली में आने लगा है. निर्माणाधीन नाला ओवरफ्लो हो गया है. यह हाल अभी है, तो बरसात के दिनों में इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी. लोगों की शिकायत को नजरअंदाज कर नगर निगम संबंधित कांट्रैक्टर से कार्य करा रहा है. इस गली में सड़क और ढक्कन समेत नाला का निर्माण करीब 09 लाख से हो रहा है. गली के इंड प्वाइंट पर नाला कई फीट नीचे डॉक्टर की गली के इंड प्वाइंट पर तो नाला लेबल से काफी नीचे निर्माण करा दिया गया है. इससे वहां दोनों साइड के करीब आधा दर्जन घरों का गंदा पानी की निकासी मुमकिन नहीं है. ठेकेदार ने बताया कि अमरेंद्र कुमार ने बताया कि मुख्य सड़क के नाले से गली का नाला एक फीट ऊंचा है. नाला का काम शुरू कराने से पहले इसकी लेवलिंग करायी गयी है. डॉक्टर की निजी जमीन से नाले को थोड़ा हटा कर बना दिया जायेगा. डॉक्टर ने निजी जमीन पर नाला बनाने का लगाया आरोप डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि उनकी निजी जमीन पर नाला का निर्माण करा दिया गया है. बिल्डिंग के छज्जे के करीब एक फीट अंदर नाला निर्माण करने की शिकायत पर इसमें सुधार करने के बजाय उल्टे यह कहा जा रहा है कि जिस समय मिट्टी खोदी गयी, तो क्यों नहीं बोला गया. उन्होंने इस कार्य में निगम के इंजीनियरों की संलिप्तता बतायी. बोले इंजीनियर निगम के इंजीनियर राकेश रंजन ने बताया कि मुख्य सड़क के नाले की गहरायी चार फीट तक है. इसमें गाद भर गया है. इस वजह से गली का नाला ऊंचा रहने के बाद भी उसमें उल्टा पानी चला गया है. मुख्य सड़क के नाले की उड़ाही होगी, तो यह समस्या नहीं रहेगी. गली के इंड प्वाइंट में सोख्ता का निर्माण कराया जायेगा. पानी का ठहराव होने पर जमीन के अंदर चला जायेगा. सोख्ता का निर्माण अगर नहीं हुआ तो नाला रिजेक्ट कर दिया जायेगा.
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