नवगछिया प्रखंड के नरकटिया में श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन संत मांगन महाराज ने भागवत कथा का महत्व बताया. कर्दम देहुती का संवाद, कपिल मुनि एवं देहुती का संवाद, शिव सती का संवाद, ध्रुव का चरित्र जड़ भारत का चरित्र, 28 प्रकार के नरकों की कथा श्रवण कराई. सभी 14 लोक का वर्णन, महात्मा विदुर चरित्र, वराह अवतार, सती चरित्र, श्री पृथु स्तुति आदि अनेक प्रसंग को महाराज ने सुनाया. व्यास ने सृष्टि का वर्णन शुकदेव, परीक्षित का मिलन एवं सृष्टि के विस्तार की कथा सुनायी. उन्होंने कहा कि मनु शत्रुपा से हमारी सृष्टि हुई है. हम सभी को मनुष्य क्यों कहते हैं? क्योंकि हम सभी मनु महाराज की संतान हैं. इसलिए हम सभी को मनुष्य कहा जाता है. आगे मनु की तीन कन्याएं आकूती, देवहूती, प्रसूती दो पुत्र प्रियव्रत और उत्तानपाद के बारे में बताया गया. कार्यक्रम के आयोजन में सवीता देवी, दीपक राय, नीरज राय, धीरज राय, एंव अन्य ने सक्रिय योगदान दिया.
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