श्रावणी मेला के दौरान कांवर यात्रा में अधिकतर भक्त मन्नत पूरी होने पर बाबा बैद्यनाथ धाम की यात्रा करते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो श्रद्धा भक्ति से इस कठिन यात्रा पर निकल पड़ते हैं. रविवार को सुलतानगंज में दो ऐसे दृश्य देखने को मिले, जिन्होंने आस्था की गहराई व रिश्तों की खूबसूरती को उजागर कर दिया. धनबाद जिले के लोयाबाद के रतन कुमार और बुधन कुमार अपनी 70 वर्षीया नानी को कांवर के डलिया में बैठा कर बाबाधाम की यात्रा रविवार को शुरू की. नानी मां भी देवघर नहीं गयी थी. नातियों ने संकल्प लिया और रविवार को कांवर यात्रा पर निकल पड़े. कांवर के एक तरफ गंगाजल व दूसरी ओर डलिया में नानी मां को बैठाया. रतन और बुधन ने बताया हम बचपन से सुनते आ रहे थे कि नानी बाबा के दर्शन की इच्छा रखती हैं. इस बार हमने ठान लिया कि उन्हें लेकर ही जायेंगे. नानी श्री देवी ने कहा कि इससे बढ़कर और क्या खुशी हो सकती है. भगवान सभी को ऐसा नाती दें. बाबा की कृपा व नातियों की भक्ति ने आज यह दिन दिखाया. नानी के साथ कांवर में गंगा जल भी रखा है, जिससे वह देवघर पहुंच जलार्पण करेंगी.
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