बिहार की महिलाएं आज सशक्त बनकर उभरी हैं. उक्त बात खरीक में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कही. उन्होंने कहा कि बिहार ऐसा पहला राज्य है, जहां जीविका की दीदियों का अपना बैंक हो गया है. अब दीदियों को पैसे के लिए किसी के पास जाने की जरूरत नहीं होगी. बिहार की महिलाओं के उत्थान के लिए बिहार सरकार कई कदम उठा रही है. खरीक प्रखंड अंतर्गत सक्षम जीविका महिला ग्राम संगठन की ओर से आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में यह बात कही. ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से जीविका की शुरुआत की थी. पूरे राज्य में 10 लाख 36 हजार से ज्यादा स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है. समूह से जुड़ी दीदियां कितनी तरक्की कर कर रही है. हाल में राज्य मंत्री परिषद ने दीदियों के लिए दो फैसले लिए हैं. पहला जीविका निधि के रूप में जीविका के लिए एक अलग सहकारी बैंक बनाने का निर्णय लिया गया है. सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालय की साफ सफाई का काम जीविका दीदियों को दिया गया है, इससे जीविका दीदियों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलने की संभावना है. भागलपुर के खरीक प्रखंड स्थित सक्षम ग्राम संगठन की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं. अंजना कुमारी ने कहा कि समूह से ऋण लेकर उन्होंने मसाला और खाद्य प्रसंस्करण उद्यम की स्थापना की. आज वह अपना उद्यम सफलतापूर्वक संचालित कर प्रति माह 12 से 15 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही है. कृष्णा भारती कहती हैं, मैं जीविका में पहले सामुदायिक उत्प्रेरक के रूप में काम करती थी. इसके बाद बिहार सरकार की पुलिस की भर्तियों में जो आरक्षण दिया जा रहा है, उसका लाभ लेकर मैं गृह रक्षा वाहिनी में शामिल होकर खरीक थाना में अपनी सेवा दे रही हूं. बिहार सरकार की योजना का लाभ लेकर ही मेरे जीवन में यह बदलाव आया है. जिले में 35वें दिन भी 30 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रम हुआ. इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष उपस्थित हुए.
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