– पचास सालों से चला रहे हैं साइकिल, हर दिन बरारी से कोर्ट आते हैं अपनी साइकिल सेललित किशोर मिश्र, भागलपुरआधुनिकता के इस दौर में इलेक्ट्रिक साइकिल, गीयर वाली साइकिल समेत कई माडर्न साइकिल सड़कों पर दौड़ती नजर आती है. मगर, 67 वर्षीय अनादि प्रसाद दास के लिए पचास साल पहले महज 240 रुपये में खरीदी गयी साइकिल से आज भी बेहतर है. वह इसी साइकिल की सवारी करते हुए रोजाना कार्यस्थल आते-जाते हैं. वह रोजाना साइकिल के कैरियर पर अपनी शार्ट- हैंड टाइपिंग मशीन बांध कर बरारी स्थित घर से कचहरी पहुंचते हैं फिर इसी तरह लौटते हैं. वह तीस वर्षों से बरारी रेलवे कॉलोनी में रह रहे हैं.
समय व अनुशासन के पाबंद अनादि प्रसाद दास ने अपनी साइकिल का साथ कभी नहीं छोड़ा है. जिंदगी में कई उतार- चढ़ाव देखने वाले इस शख्स का अपनी साइकिल से बेहद लगाव है. हर दिन साइकिल की सफाई करते हैं, कभी अपने साइकिल को पराया नहीं माना, उसे हमेशा परिवार के सदस्य की तरह माना.