भागलपुर टीएमबीयू कैंपस स्थित मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम में योग चेतना शिविर के अंतर्गत योग मुद्राओं का अभ्यास कराया गया. विश्वविद्यालय योग प्रशिक्षक डॉ देशराज वर्मा ने हस्त मुद्राओं के बारे में बताया कि आधुनिक जीवन शैली के कारण शरीर के पंच तत्वों में असंतुलन उत्पन्न हो जाता है. इस असंतुलन से ही शरीर में बीमारियां होती हैं. योग मुद्राओं द्वारा शरीर के पांच तत्वों को संतुलित करके स्वस्थ रह सकते हैं. कहा कि शरीर के पंचतत्व संतुलित अवस्था में है, तो कोई रोग नहीं होगा. मुद्राएं पंच तत्वों को संतुलित करने वाली सुंदर व मूक अभिव्यक्ति हैं. सामान्य जीवन में मुद्राएं स्वतः बन जाती हैं, जैसे चिंता होने पर चिंता की मुद्रा अपने आप बन जाती है. उसी प्रकार खुशी की बात सुनकर व्यक्ति प्रसन्न मुद्रा में आ जाता है. योग साधना में आज आसन, प्राणायाम के बाद वायु मुद्रा का अभ्यास कराया गया. वायु मुद्रा के लिए तर्जनी उंगली को मोड़कर अंगूठे की जड़ में लगाया जाता है. इसे वज्रासन या पद्मासन में बैठकर किया जा सकता है. वायु मुद्रा को 16 से 48 मिनट तक किया जा सकता है. वायु मुद्रा से रोग सायटिका, रीढ़ दर्द ,अंग कंपन, संधिवात, पेट दर्द, घुटने व जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है. मधुमेह, कमर दर्द व सर्वाइकल दर्द में भी बहुत लाभकारी है. कार्यक्रम में डॉ मणिकांता, डॉ सीमा कुमारी, डॉ रुचि श्री, डॉ सोनल पांडे, पूनम चटर्जी, गणेश चटर्जी, विजय कुमार आदि मौजूद थे.
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