सृजन घोटाले में इडी की बड़ी कार्रवाई, अधिकारियों समेत सात लोगों की संपत्ति की जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने सृजन घोटाले में शामिल सरकारी पदाधिकारी समेत सात लोगों पर बड़ी कार्रवाई की है. गाजियाबाद, पटना, नयी दिल्ली, भागलपुर में इनके 12 फ्लैट व 5 प्लॉट के अलावा एक स्कॉर्पियो और बैंक खातों में जमा एक लाख 20 हजार रुपये भी जब्त किये गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 1, 2021 10:38 AM
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पटना. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने सृजन घोटाले में शामिल सरकारी पदाधिकारी समेत सात लोगों पर बड़ी कार्रवाई की है. गाजियाबाद, पटना, नयी दिल्ली, भागलपुर में इनके 12 फ्लैट व 5 प्लॉट के अलावा एक स्कॉर्पियो और बैंक खातों में जमा एक लाख 20 हजार रुपये भी जब्त किये गये हैं. इनका सरकारी मूल्य करीब 4.11 करोड़ रुपये बताया जा रहा है, जबकि बाजार मूल्य इससे कहीं ज्यादा है.

जिन लोगों की संपत्ति जब्त हुई है, उनमें सरकारी पदाधिकारी बबीता झा के नाम से गाजियाबाद में एक फ्लैट और पति चंद्रशेखर के नाम से बैंक खाते में जमा रुपये, कर्मी अभिषेक कुमार की पत्नी अर्पणा वर्मा के नाम से गाजियाबाद में एक फ्लैट, ऑडिट अधिकारी (सरकारी कर्मी) सतीश कुमार मिश्रा की बेटी व बेटा के नाम पर गाजियाबाद में एक-एक फ्लैट, बैंक अधिकारी संत कुमार के नाम पर भागलपुर और गाजियाबाद में एक-एक फ्लैट, एक अन्य बैंक अधिकारी देवशंकर मिश्रा की पत्नी शशिलता मिश्रा के नाम पर गाजियाबाद में एक फ्लैट के अलावा स्थानीय व्यापारी विपीन कुमार के नाम पर पटना में एक व भागलपुर में दो फ्लैट शामिल हैं.

इसके अलावा सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव स्वर्गीय मनोरमा देवी की बेटी और दामाद के नाम से गाजियाबाद में एक-एक फ्लैट, बेटा अमित कुमार व बहू रजनी प्रिया के नाम से पटना में एक फ्लैट और भागलपुर में एक मकान व प्लॉट के अलावा एक अन्य रिश्तेदार के नाम से सीतामढ़ी में एक बेनामी संपत्ति जब्त की गयी है. इन सभी लोगों के खिलाफ पीएमएलए के तहत कार्रवाई की गयी है.

अभी इनसे जुड़े कई मामलों की जांच चल ही रही है, जिसमें कई लोगों के नाम सामने आने की संभावना है. फिलहाल इस मामले में सृजन संस्थान की तत्कालीन सचिव स्व. मनोरमा देवी के बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया की तलाश जारी है. दोनों फरार चल रहे हैं. अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि सरकारी कर्मियों और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी रुपये सृजन महिला विकास सहयोग समितिके बैंक खातों में अवैध रूप से ट्रांसफर कर दिये जाते थे.

सरकारी रुपये सृजन के खाते में ट्रांसफर होने के बाद कई निजी और फर्जी कंपनियों के खाते में आरटीजीएस, कैश या चेक के माध्यम से ट्रांसफर होते थे. इस पूरे खेल में जिन-जिन की मिलीभगत सामने आ रही है, उनकी अवैध संपत्ति जब्त हो रही है. अभी चल रही जांच में अन्य कई स्तर के लोगों के नाम सामने आयेंगे, जिनकी भी जल्द ही संपत्ति जब्त होगी.

इस मामले में संपत्ति जब्ती की दूसरी कार्रवाई

इडी ने मई 2018 में सृजन घोटाले के खिलाफ पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट) के तहत मामला दर्ज कर जांच की प्रक्रिया शुरू की थी. इसके बाद से संपत्ति जब्ती का यह दूसरा मामला है. इससे पहले मई 2020 में इडी ने करीब एक दर्जन नामजद अभियुक्तों की 14.32 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी, जिसमें सरकारी अधिकारी के अलावा व्यवसायी और एक निजी व्यक्ति शामिल थे. उस समय भी करीब डेढ़ दर्जन फ्लैट के अलावा मकान-प्लॉट और कई बैंक खाते जब्त किये गये थे.

Posted by Ashish Jha

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