वी-शाइन कंपनी से मंगाया था 25 हजार अभ्यर्थियों का डाटा
बता दें कि CHO के 4,500 पदों के लिए देशभर के करीब 25 हजार अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा था. ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराने की जिम्मेदारी पुणे की वी-शाइन कंपनी को मिली थी. माफियाओं ने वी-शाइन के बिहार के प्रतिनिधियों से मिलकर सभी 25 हजार अभ्यर्थियों का डाटा मांगा लिया. इसके बाद फोन कर इन अभ्यर्थियों से माफियाओं ने सेटिंग कर ली थी.
अधिकतर सेंटरों का नहीं हुआ था ऑडिट
पटना के जिन 12 सेटरों पर परीक्षा आयोजित होनी थी. उनमें से अधिकतर सेंटरों का ऑडिट ही नहीं किया गया था. जबकि ऐसा नियम है कि परीक्षा से करीब 10 दिन पहले कंपनी का प्रतिनिधि ऑनलाइन सेंटर का ऑडिट करेंगे. कुछ को परीक्षा से एक या दो दिन पहले मेल कर सूचना दी गई थी. माफियाओं ने बड़े स्तर पर धांधली की साजिश रची थी.
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अभ्यर्थियों से 5-5 लाख रुपए में हुई थी डील
मिली जानकारी के अनुसार EOU की जांच में यह भी बात सामने आई है कि इस परीक्षा के लिए सभी सेट अभ्यर्थियों से 5-5 लाख रुपए में डील की गई थी. टोकन मनी के रूप में सभी अभ्यर्थियों से 25 से 50 हजार रुपए लिए गए थे. बाकी के पैसे परीक्षा देने के बाद जमा करने थे. वहीं सेंटर सेट करने के लिए इस परीक्षा को करा रही कंपनी वी शाइन टेक प्राइवेट लिमिटेड से 8 लाख रुपए में डील हुई थी.