डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि आरजेडी शासन में बिहार के 38 में से 32 जिले नक्सली उग्रवाद से त्रस्त थे. किसानों और मजदूरों को पलायन के लिए मजबूर कर दिया गया था. एनडीए सरकार ने एक तरफ ऑपरेशन ग्रीन हंट जैसे अभियान चला कर नक्सली हिंसा के फन कुचले, तो दूसरी तरफ विकास की रफ्तार तेज कर लोगों को भय, भूख और बेरोजगारी से बचाने की कोशिश की. जो नक्सली स्कूल, रेलवे स्टेशन, सामुदायिक भवन और सड़क को विस्फोट से उड़ाकर विकास का विरोध करते रहे, राजद फिर से उनका लाल अातंक लौटाना चाहता है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव ने विपक्ष के नेता जैसे संवैधानिक पद की मर्यादा का कभी ध्यान नहीं रखा. इसलिए वे सदन से 33 दिनों तक स्पीकर को सूचित किये बिना गैर-हाजिर रहे. वे सोशल मीडिया पर अनर्गल बयानबाजी करते रहे, लेकिन जनता के बीच नहीं गये. आज जब वे लगातार सक्रिय मुख्यमंत्री के जीवित रहने की सार्थकता पर सवाल उठा रहे हैं, तो क्या यही सवाल वे अपने सजायाफ्ता पिता लालू प्रसाद के बारे में भी उठायेंगे. चुनाव तो आते-जाते रहेंगे, लेकिन किसी को भी सार्वजनिक जीवन की लक्ष्मण रेखा नहीं लांघनी चाहिए.
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