पटना. 2009 के बाद उत्क्रमित 6421 माध्यमिक और प्लस टू स्कूलों में प्रधानाध्यापकों और प्राथमिक स्कूलों में 40,506 प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग को अधियाचना सोमवार को भेज दी गयी.
अब बीपीएससी परीक्षा के जरिये इन रिक्त पदों पर चयन करेगा. इसके बाद उनकी नियुक्ति की अनुशंसा शिक्षा विभाग भेजेगा. अलग-अलग परीक्षा : दोनों पदों के लिए अलग-अलग परीक्षा होगी. बीपीएससी इन दोनों पदों के लिए अलग-अलग परीक्षा होगी.
बीपीएससी इन दोनों पदों के लिए 150 -150 अंकों की परीक्षा लेगा. वस्तुनिष्ठ प्रारूप की इस परीक्षा में 100-100 अंक सामान्य अध्ययन के लिए होंगे. प्रधानाध्यापक पद की परीक्षा में बीएड आधारित विषय वस्तु के लिए 50 अंक निर्धारित हैं. प्रधान शिक्षक पद के लिए सामान्य अध्ययन के अलावा 50 अंकों के प्रश्न डीएलएड विषय सामग्री पर आधारित होंगे.
परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी होगी. एक प्रश्न गलत होने पर 0.25 अंक कटेंगे. परीक्षा दो घंटे की होगी. इसके पूर्व करीब 17 साल पहले 2004 में बीपीएससी के जरिये राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नियुक्त हुए थे. तब बीपीएससी ने 2536 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की सिफारिश की थी.
राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालय वे हैं, जिनका टेक ओवर 1980 में किया गया था. शिक्षा विभाग अब तक 50 प्रतिशत प्रधानाध्यापक बीपीएससी से और 50 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति प्रमोशन से करता रहा है.
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