मांझी के सीएम नीतीश से मिलने पर महागठबंधन में सियासी उबाल, राजद और हम आमने-सामने

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तान अवाम मोरचा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद महागठबंधन में सियासी उबाल देखने को मिल रहा है

By Rajat Kumar | March 19, 2020 7:57 AM
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पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तान अवाम मोरचा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद से बिहार में महागठबंधन में उबाल देखने को मिल रहा है. महागठबंधन की दो बड़ी पार्टीयां राजद और हम आमने सामने दिख रही है. तेजस्वी यादव ने जीतन राम मांझी को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वह जो चाहे कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं क्योंकि तेजस्वी यादव के अनुसार महागठबंधन में कोऑर्डिनेशन कमिटी पहले से ही काम कर रही है. ऐसे में जीतन राम मांझी का कॉर्डिनेशन कमिटी की मांग करना कोई मायने नहीं रखता.

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को तेजस्वी यादव की बातों का जवाब देते हुए कहा कि लालू प्रसाद ने अपने स्वार्थ में उनके बेटे संतोष सुमन को एमएलसी बनवाया था. अपने आवास पर मांझी ने कहा कि वह 31 मार्च तक महागठबंधन के भीतर कोऑर्डिनेशन कमेटी बनने का इंतजार करेंगे. इसके बाद हम अपना निर्णय लेने के लिये स्वतंत्र है. तेजस्वी यादव के प्रेस कांफ्रेंस के दो घंटे बाद मांझी ने प्रेस से कहा कि हमारे बेटे संतोष सुमन को एमएलसी बनाने का फैसला लालू प्रसाद का था. लालू प्रसाद ने हमने अररिया उपचुनाव में जीत के लिए मदद मांगी थी. इसके लिये अनेकों बाद फोन किया और मिलने बुलाया था.

हम उनसे खुद मिलने नहीं गये थे. हम की मदद और हमारे दलित वोटों के कारण राजद की वहां जीत हुई है. उन्होंने कहा कि जहानाबाद में राजद की जीत हमारे वोटों के कारण हुई है. इन्हीं राजनीतिक कारणों व अपने स्वार्थ से लालू ने उनके पुत्र को विधान पार्षद का टिकट दिया. मैं सीट मांगने नहीं गया था. ये बातें तेजस्वी यादव भी जानते हैं. मांझी ने कहा कि तेजस्वी उनके पुत्र समान हैं, इसलिए वह उनकी बातों पर प्रतक्रिया नहीं देंगे.लेकिन राजद को यह बताना चाहिए कि किस कारण से राज्यसभा चुनाव में व्यवसायियों को टिकट दिया गया. जबकि पहले कांग्रेस को यह सीट देने का वायदा किया गया था. जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से मिलने की बात पूछा, तो मांझी ने कहा कि लाेगों की समस्याओं को दूर कराने के लिये वह मुख्यमंत्री से मिलते रहेंगे. अबतक सीएम से नहीं मिलने की बात को उन्होंने अपनी भूल कहा. उन्होंने कहा कि सीएम से मुलाकात के दौरान कोई भी राजनीतिक बात नहीं हुई है. पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए मांझी ने कहा कि वे एक बड़ा महागठबंधन चाहते हैं. जिसमें उनकी इच्छा है कि सीपीआइ, पप्पू यादव व बसपा आदि पार्टियों को भी शामिल किया जाये.

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