Bihar News: कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Amrendra Pratap Singh) की पहल पर कृषि विभाग बिहार के सभी किसानों (1.61 करोड़) को क्रिसमस से बड़ी सौगात देने जा रहा है. किसानों की समस्याओं के स्थानीय स्तर पर ही समाधान को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. 25 दिसंबर से पंचायत स्तर तक एक दिन एक समय पर किसान दरबार की व्यवस्था शुरू की है.
प्रमंडल से लेकर पंचायत स्तर के कृषि अधिकारी हर सप्ताह शुक्रवार को किसानों की समस्याएं सुनेंगे. ढाई घंटे की पूरी कार्रवाई का रिकॉर्ड भी रखा जायेगा. बिहार में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि किसी विभाग के प्रमंडल से लेकर पंचायत स्तर के पदाधिकारी एक साथ एक समय पर अपने- अपने कार्यालय में रहेंगे. समस्याओं का समाधान करेंगे.
किसानों की समस्याओं का सम्मान के साथ समाधान कराने के लिए कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बीते शुक्रवार को राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में नयी व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया था. कृषि निदेशक आदेश तितरमारे ने सभी कृषि पदाधिकारियों को पत्र जारी कर कहा है कि प्रत्येक सप्ताह में शुक्रवार के दिन 10:30 बजे से 1:00 बजे तक का समय किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए निर्धारित कर दिया गया है.
कृषि विभाग के सभी प्रमंडलीय, जिला स्तरीय, अनुमंडलीय, प्रखंड और पंचायत स्तर के पदाधिकारी अपने कार्यालय में किसानों की समस्या के समाधान के लिए स्वयं उपस्थित रहेंगे. समस्याओं का निराकरण करेंगे . इस दौरान विभाग की कोई अन्य बैठक नहीं होगी.
…तो अफसरों पर होगी कार्रवाई
यही नहीं यदि कोई अधिकारी अपनी जगह अपने जूनियर अफसर को यह जिम्मेदारी देगा, तो उस पर कार्रवाई की जायेगी. प्रत्येक बुधवार और गुरुवार को क्षेत्र के भ्रमण के निर्देश पहले ही दिया जा चुका है. नयी व्यवस्था के बाद प्रत्येक कृषि पदाधिकारी को सप्ताह में तीन दिन किसानों के बीच बिताने होंगे.
अधिकारियों को अपनी छवि सुधारनी होगी
कृषि सहकारिता एवं गन्ना उद्योग मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बिहार के पास जितनी भी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं, वे सब किसानों के कारण ही हैं. किसानों को हम जो देते हैं, वो नाकाफी है. अधिकारियों को अपनी छवि सुधारनी होगी. किसानों के बीच यह संदेश जाना चाहिए की कृषि विभाग का पूरा तंत्र उनकी सेवा के लिए बना है. इसी को आधार मानकर हम अफसरों के काम का मूल्यांकन करेंगे.
किसानों की समस्या का बनेगा रजिस्टर
किसान दरबार में आने वालों का अलग से एक रजिस्टर तैयार किया जायेगा. इसमें किसान का नाम, पता, मोबाइल नंबर, शिकायत और उसकी समस्या क्या थी, निराकरण के लिए क्या किया गया, सब कुछ दर्ज होगा. शिकायत लेकर आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हो इसके लिए भी अलग से अतिथि कक्ष होगा.
Posted By: Utpal kant
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