औचक निरीक्षण करेंगे उड़न दस्ते
जानकारी के अनुसार आदेश के तहत प्रत्येक उड़न दस्ते में चार-चार अधिकारियों को शामिल किया गया है. इन अधिकारियों में निदेशक, उप निदेशक, सहायक निदेशक और अन्य श्रेणी के पदाधिकारी भी शामिल हैं. बता दें कि पहले निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए तीन उड़न दस्ते गठित थे, लेकिन बीच में अधिकारियों के तबादले के कारण नए सिरे से नए दस्ते बनाए गए. इन उड़न दस्तों का काम होगा कि वह नियमित रूप से किसी भी सरकारी इमारत के निर्माण का औचक निरीक्षण करेंगे.
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निर्माण सामग्री का करेंगे नमूना संग्रह
निरीक्षण कार्य के दौरान यह टीम देखेगी कि भवन निर्माण कार्यों में जो सामग्री उपयोग में लाई जा रही है वह मानकों के अनुरूप है या नहीं. जरूरत पड़ने पर यह जांच टीम निर्माण सामग्री का नमूना भी ले सकेंगे और इसे जांच के लिए अंचल स्तरीय प्रयोगशाला या फिर केंद्रीय प्रयोगशाला में भी भेज सकेंगे. यदि निर्माण कार्यों में देरी हो रहा है तो इसकी भी पड़ताल करेंगे कि देरी की वजह क्या है? इसकी जांच की रिपोर्ट बनाकर विभाग के वरीय अधिकारियों और मुख्य अभियंता सह आयुक्त को भी सौंपेंगे. ठीक इसी तरह बिजली से संबंधित कार्यों के लिए गठित दस्ता भवन में बिजली से संबंधित काम की गुणवत्ता जांच करेंगे.
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