Bihar: घने जंगलों के बीच बना है यह अलौकिक मंदिर, सिर्फ देश हीं नहीं विदेश से भी आते हैं जैन धर्मावलंबी, जानें इतिहास…

Bihar Tourism: महावीर ने तीस वर्ष की उम्र में घर-बार छोड़ कठोर तपस्या द्वारा कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया. उन्होंने पार्श्वनाथ के आरंभ किए तत्वज्ञान को परिभाषित कर जैन दर्शन को स्थाई आधार दिया. वर्तमान में जमुई जिले के कुंडग्राम में भगवान महावीर का भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है.

By Abhinandan Pandey | July 9, 2024 3:02 PM
an image

Bihar Tourism: जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म 599 ईसा पूर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हुआ था. काल गणना के अनुसार सोमवार, दिनांक 27 मार्च, 598 ईसा पूर्व उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र की प्रभात बेला में बिहार राज्य में वैशाली के गणनायक राजा इक्ष्वाकु वंशीय लिच्छिवी वंश के महाराज श्री सिद्धार्थ और माता त्रिशिला देवी के यहां भगवान महावीर जन्में थे. यह जगह वर्तमान में जमुई जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र के हड़खाड़ पंचायत अंतर्गत राजला गांव में स्थित है.

महावीर जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान आदिनाथ की परंपरा में 24वें तीर्थंकर हुए थे. इनका जीवन काल 511 से 527 ईस्वी ईसा पूर्व तक माना जाता है. तीस वर्ष की उम्र में उन्होंने घर-बार छोड़ कठोर तपस्या द्वारा कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया.

महावीर ने पार्श्वनाथ के आरंभ किए तत्वज्ञान को परिभाषित कर जैन दर्शन को स्थाई आधार दिया. वर्तमान में जमुई जिले के कुंडग्राम में भगवान महावीर का भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है.

चोरी हो गई थी 26 सौ साल पुरानी भगवान की प्रतिमा

इस मंदिर में स्थापित 26 सौ साल पुरानी भगवान महावीर की प्रतिमा 27 नवंबर 2015 को चोरी हो गई थी. भारत के साथ-साथ दुनियाभर के जैन धर्मावलंबियों की आस्था पर गहरा आघात पहुंचा था. काफी प्रयास के बाद 6 दिसंबर 2015 को प्रतिमा बरामद कर ली गई थी. इसके बाद 3 साल तक भगवान महावीर की प्रतिमा को लछुआड़ में रखा गया था और यहां भव्य मंदिर का निर्माण किया गया.

ये भी पढ़ें: रेलवे चला रहा स्पेशल ट्रेन, बिहार के इन स्टेशनों से उज्जैन जाकर महाकालेश्वर का करें दर्शन…

अपने आराध्य के दर्शन करने विदेश से भी आते हैं श्रद्धालु

खैरा प्रखंड क्षेत्र के क्षत्रिय कुंड (जन्मस्थान) जैन धर्म के श्वेतांबर मानने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ा तीर्थ स्थल के समान है. यहां हर साल ज्यादातर गुजरात के अहमदाबाद, सूरत इत्यादि जगहों से जैन श्रद्धालु आते हैं. इसके अलावा मुंबई, नागपुर, कोलकाता, ऑस्ट्रेलिया सहित देश-विदेश से आए हजारों जैन श्रद्धालु यहां अपने आराध्य के दर्शन करने आते हैं.

वन्य क्षेत्र के बीचों-बीच अवस्थित है मंदिर

यह मंदिर गिद्धेश्वर वन्य क्षेत्र के बीचों-बीच अवस्थित है और पहाड़ की चोटी पर बना हुआ है. घने जंगलों के बीच बना यह मंदिर अलौकिक सुंदरता के साथ स्थापित किया गया है. जहां बैठकर आप धर्म के साथ-साथ शांति का भी अनुभव कर सकते हैं और यही कारण है कि जैन धर्म उपलब्धियां के साथ-साथ अन्य लोगों को भी यह अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां लोग दूर-दराज से भगवान महावीर के दर्शन करने आते हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version