Bihar: रक्सौल. भारत-नेपाल सीमा के इलाके में मानव तस्करी पर रोकथाम के लिए काम कर रही सशस्त्र सीमा बल 47 वीं वाहिनी की मानव तस्करी रोधी इकाई के साथ-साथ प्रयास जुवेनाइल एड सेंटर पूर्वी चंपारण तथा डंकन अस्पताल के न्याय नेटवर्क परियोजना की संयुक्त टीम के द्वारा एक नेपाली नाबालिग लड़की को मानव तस्कर के चंगुल से मुक्त कराया गया है. नेपाल की राजधानी काठमांडू रहने वाली नेपाली नाबालिग लड़की को दिल्ली के कॉल सेंटर में नौकरी दिलाने के नाम पर पूर्वी चंपारण के तुरकौलिया का एक युवक बहला-फुसला कर ले जा रहा था. इसी बीच उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
नेपाल की रहने वाली है नाबालिग
इस पूरे मामले में नाबालिग लड़की ने बताया कि उसकी एक साल पहले स्टार मेकर एप पर इस व्यक्ति से दोस्ती हुई और फिर दोस्ती प्यार में तब्दील हुई और आरोपी दो बार मिलने काठमांडू आया था और इस बार काठमांडू आया तो अपने साथ इंडिया के दिल्ली लेकर जा रहा था. जिसके बाद इसके बहकावे में आकर नाबालिग लड़की घर वालों को बिना खबर किए हुए इसके साथ चली आयी. लड़का युवती को नौकरी दिलाने के साथ-साथ शादी का झांसा भी दे रहा था. इसकी जानकारी देते हुए प्रयास की समन्वयक आरती कुमारी ने बताया कि लड़की का काल्पनिक नाम मनीषा मनाली उम्र 13 वर्ष लगभग काठमांडू नेपाल की रहने वाली हैं. वहीं आरोपी मानव तस्कर की पहचान शेख रिजवान थाना तुरकौलिया जिला पूर्वी चम्पारण के रूप में की गयी है.
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
रक्सौल पुलिस के हवाले की गई लड़की
बरामद व्यक्ति व नाबालिग लड़की को अगली प्रक्रिया करते हुए हरैया थाना रक्सौल को सुपुर्द कर व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इस पूरे अभियान में मानव तस्करी रोधी इकाई सहायक सब इंस्पेक्टर खेमराज, निर्भय कुमार, आर्यलक्ष्मी, सामाजिक कार्यकर्ता राज गुप्ता, विजय कुमार शर्मा, न्याय नेटवर्क परियोजना डंकन अस्पताल आरती कुमारी सामाजिक कार्यकर्ता, गौरव कुमार की भूमिका सराहनीय रही.
इसे भी पढ़ें: Bihar: रात के अंधेरे में प्रेमिका से मिलने के लिए पहुंचा प्रेमी, गांव वालों ने पकड़कर कराई शादी