शेखोपुरसराय. शेखोपुरसराय थाना परिसर में 52 लाख रुपये की लागत से महिला पुलिस कर्मियों के लिए बनायी जा रही बैरक का निर्माण कार्य विवादों में उलझकर अधर में लटक गया है. तय समय सीमा के पांच महीने बीत जाने के बाद भी भवन की नींव पूरी नहीं बन पायी है और इसके पीछे मुख्य वजह संवेदक और जेइ की मिलीभगत घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जाना है. थाना अध्यक्ष हरेंद्र कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि महिला पुलिस कर्मियों के लिए बैरक का निर्माण थाना की एक बड़ी जरूरत है, क्योंकि लंबे समय से इनके लिए कोई अलग व्यवस्था नहीं है, जिससे रोजाना कामकाज में समस्याएं आती हैं. उन्होंने बताया कि घटिया ईंट, बालू और गिट्टी का प्रयोग पहले भी देखा गया था, जिस पर उन्होंने निर्माण कार्य रुकवाकर सामग्री वापस कराई थी. इस संबंध में अपने वरीय पदाधिकारियों को लिखित सूचना दे दी है, थाना अध्यक्ष ने कहा कि 22 जुलाई तक संवेदक को बैरक का निर्माण पूरा कर थाना को सुपुर्द करना है, लेकिन वर्तमान हालात देखकर तय समय पर काम पूरा होना मुश्किल दिख रहा है. हरेंद्र कुमार ने जेइ और संवेदक को साफ हिदायत दी है कि काम पूरी गुणवत्ता और स्वीकृत अस्टीमिट के अनुसार ही संपन्न करें. इस संबंध में जब मीडिया कर्मी ने जेइ सुधीर रंजन से बात किया तो उन्होंने साफ कहा की हमारे आने से पूर्व हीं बेस की ढलाई हुई थी. जो बलुआई मिट्टी पर हुआ है. जिसकी मजबूती अच्छी नहीं हैं. और साइड पर रखा ईंट भी गुणवत्ता पूर्ण नहीं हैं. स्थानीय लोग और पुलिस महकमे में इस बात को लेकर नाराजगी है कि सरकारी पैसों से हो रहे इस महत्वपूर्ण निर्माण में बार-बार अनियमितता सामने आ रही है और अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है.
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